एलपीजी नकद सब्सिडी योजाना फिर से शुरु करने की सिफारिश
नयी दिल्ली: एलपीजी का इस्तेमाल करने वालों के लिये नकद सब्सिडी योजना को स्थगित करने के कुछ महीनों बाद ही एक विशेषज्ञ समिति ने इसे फिर से शुरु करने की सिफारिश है. समिति ने कहा है कि प्रक्रियाओं में कुछ सुधार के साथ इसे लागू किया जाना चाहिये क्योंकि इससे सब्सिडी दुरपयोग रोकने में मदद […]
नयी दिल्ली: एलपीजी का इस्तेमाल करने वालों के लिये नकद सब्सिडी योजना को स्थगित करने के कुछ महीनों बाद ही एक विशेषज्ञ समिति ने इसे फिर से शुरु करने की सिफारिश है. समिति ने कहा है कि प्रक्रियाओं में कुछ सुधार के साथ इसे लागू किया जाना चाहिये क्योंकि इससे सब्सिडी दुरपयोग रोकने में मदद मिलती है.
पेट्रोलियम मंत्रालय ने एक जून से 2013 से देश के 291 जिलों में एलपीजी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना (डीबीटीएल) शुरु की थी. एलपीजी की वास्तविक लागत से कम दाम पर बिक्री की व्यवस्था के स्थान पर सरकार ने यह योजना शुरु की थी. देशभर में 2.8 करोड एलपीजी ग्राहकों को 5,400 करोड रपये की राशि नकद सब्सिडी के तौर पर हस्तांतरित की गई. सरकार ने हालांकि, बाद में 7 मार्च को योजना को रोक दिया. इस तरह की शिकायतें मिलने लगीं कि कई एलपीजी ग्राहकों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है क्योंकि उनके पास न तो आधार नंबर है और न ही उनका बैंक खाता है.
प्रो. एस.जी. धांडे के नेतृत्व में गठित समिति ने रिपोर्ट में कहा है, ‘‘शुरआती परिणामों से हालांकि, यह संकेत मिलता है कि वितरण प्रणाली में सरकारी सहायता के दुरपयोग को रोकने का प्राथमिक उद्देश्य हासिल करने में मदद मिली है लेकिन जिस तेजी के साथ योजना को जारी किया गया और ऐसे जिलों को शामिल किया गया जहां आधार कार्ड की संख्या अधिक नहीं थी उससे ग्राहकों की शिकायतें बढी हैं.’’ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर के पूर्व निदेशक की अध्यक्षता में समिति का गठन एलपीजी की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना (डीबीटीएल) की समीक्षा के लिये किया गया था. समिति ने मजबूती के साथ यह सिफारिश की है कि योजना को फिर से शुरु किया जाना चहिये. समिति ने एलपीजी पर वैट कम करने का भी सुझाव दिया है.