मानसून ने दी केरल तट पर दस्तक, 25 के बाद मध्य भारत की ओर बढने की संभावना

नयी दिल्ली : देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाने वाला दक्षिण पश्चिम मानसून सामान्य तिथि से चार दिन के विलम्ब के बाद केरल में प्रवेश कर गया है. केरल में आज चार दिन देर से पहुंचा दक्षिण पश्चिमी मॉनसून ‘कमजोर’ बना रहेगा और सिर्फ 25 जून के बाद ही यह मध्य भारत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2014 11:48 PM

नयी दिल्ली : देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाने वाला दक्षिण पश्चिम मानसून सामान्य तिथि से चार दिन के विलम्ब के बाद केरल में प्रवेश कर गया है. केरल में आज चार दिन देर से पहुंचा दक्षिण पश्चिमी मॉनसून ‘कमजोर’ बना रहेगा और सिर्फ 25 जून के बाद ही यह मध्य भारत की ओर बढ सकता है.

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक एल एस राठौड ने मौसम विभाग के अधिकारियों द्वारा विगत दो दिनों के केरल में बरसात के स्वरुप का अध्ययन किये जाने के बाद आज कहा, दक्षिण पश्चिम मानसून आ गया है. राठौड ने कहा कि शुरआत में इसकी ‘धीमी प्रगति’ है. सामान्य तौर पर मानसून केरल में 1 जून को आता है. मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष मौसम केरल में मानसून का प्रवेश 5 जून को हुआ.

मौसम विभाग के अधिकारीगण मानूसन के आने की घोषणा करने से पहले वहां कल से ही बरसात और हवा के रख पर करीबी निगाह रख रहे थे. राठौड ने कहा कि केरल में मौसम विभाग के 13 केंद्र हैं और एक कर्नाटक में है जहां विगत दो दिनों में 2.5 मिमी की बरसात हुई है. यह मानसून के आने की घोषणा का महत्वपूर्ण आधार है.

पुणे स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रापिकल मेटीरोलॉजी ने बताया कि इस महीने बारिश पश्चिमी तट, पूर्वोत्तर भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप तक सीमित रहेगी. आईआईटीएम ने बताया कि पूर्वानुमानों से बडे पैमाने पर यह संकेत मिलता है कि मॉनसून प्रायद्वीपीय भारत के उपर 25 जून तक बना रहेगा. उन्होंने मॉनसून के देर से आगे बढने के लिए मध्य भारत के उपर बने चक्रवात रोधी परिसंचरण को जिम्मेदार ठहराया.

भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक एलएस राठौड ने मॉनसून की घोषणा करते हुए कहा था कि यह धीमी गति से आगे बढेगा.

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