शंकराचार्य स्वरूपानंद ने कहा, आरक्षण को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाना चाहिए
मथुरा : अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के खिलाफ बोलने वाले द्वारका-शारदापीठ एवं ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती ने रविवार को कहा कि आरक्षण को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके बजाए समाज के हर वर्ग को उन्नति का समान अवसर देकर समाज सेवा के योग्य बनाया जाना […]
मथुरा : अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के खिलाफ बोलने वाले द्वारका-शारदापीठ एवं ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती ने रविवार को कहा कि आरक्षण को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके बजाए समाज के हर वर्ग को उन्नति का समान अवसर देकर समाज सेवा के योग्य बनाया जाना चाहिए, तभी सभी की भलाई संभव है. उनके प्रतिनिधि द्वारा जारी बयान में यह जानकारी दी गयी है.
बयान के अनुसार, स्वामी ने कहा कि जिन्हें शिक्षा, नौकरी, तरक्की सभी में आरक्षण की विशेष सुविधा मिल रही हो, उन्हें कोई क्या सता पायेगा? उन्होंने प्रतिप्रश्न किया है कि जब वे आरक्षण का लाभ उठाकर उच्च पदों पर बैठे हैं, तो क्या उन्हें सता पाना संभव भी है. उन पर कोई कैसे अत्याचार करेगा. नेताओं को हर व्यक्ति, हर वर्ग के कल्याण के लिए सोचना चाहिए, न कि केवल किसी वर्ग विशेष के लिए.
उन्होंने कहा, ‘आरक्षण पूरी तरह से समाप्त होना चाहिए और सबको उन्नति का समान अवसर देकर समाज सेवा के योग्य बनाना चाहिए. अगर बिना योग्यता के आरक्षण के आधार पर डॉक्टर बनायेंगे तो पेट में कैंची ही छोड़ेगा, और अगर प्रोफेसर बनायेंगे तो वो पढ़ायेगा नहीं. इसी प्रकार, इंजीनियर बनायेंगे तो पुल गिरायेगा. ऐसा मत करो. उन्हें भी योग्य बनने दो, उन्हें प्रतिस्पर्धा में आने दो. तब उनकी तरक्की होगी. उनको केवल वोट बैंक बनाकर रखना उनके प्रति अत्याचार के समान है.’