मध्य प्रदेश के इंदौर का ओपेन जेल जहां परिवार के साथ रहते हैं कैदी, जाते है बाहर काम करने फिर लौट आते हैं जेल
मध्य प्रदेश के इंदौर में ओपेन जेल में परिवार के साथ रहते हैं सजायाफ्ता इंदौर : मध्य प्रदेश के इंदौर में एक ऐसी जेल है, जहां कैदियों को अपने परिवार के साथ रहने का सुख और दिनभर बाहर काम करने की आजादी है. जिला जेल के पास हाल ही में ओपेन जेल की शुरुआत की. […]
मध्य प्रदेश के इंदौर में ओपेन जेल में परिवार के साथ रहते हैं सजायाफ्ता
इंदौर : मध्य प्रदेश के इंदौर में एक ऐसी जेल है, जहां कैदियों को अपने परिवार के साथ रहने का सुख और दिनभर बाहर काम करने की आजादी है. जिला जेल के पास हाल ही में ओपेन जेल की शुरुआत की. इसका उद्देश्य कैदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है.
यह वैसे कैदियों के लिए है, जो अपने जुर्म पर पश्चाताप करने और आम नागरिक की तरह जीवन बिताने के इच्छुक हैं. ऐसे कैदियों को ओपेन जेल में रहते हुए भी बाहर काम करने की इजाजत होती है. इसका बड़ा फायदा यह है कि कैदी कुछ पैसे भी कमा लेते हैं और अपने परिवार का पालन-पोषण करने में सक्षम हो रहे हैं. इस ओपेन जेल को ‘जेल’ शब्द से भी मुक्त रखा गया है. इसे ‘देवी अहिल्याबाई खुली कॉलोनी’ नाम दिया गया है.
फिलहाल, इसमें 10 विवाहित कैदियों को स्वतंत्र अपार्टमेंट दिये गये हैं. इन्हीं में से एक अपार्टमेंट में 45 वर्षीय भूपेंद्र सिंह ने रविवार से अपनी गृहस्थी बसायी है. मध्य प्रदेश के शाजापुर कस्बे के निवासी भूपेंद्र को पारिवारिक विवाद में एक युवक की हत्या के जुर्म में वर्ष 1996 के गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें उम्रकैद की सजा सुनायी गयी थी. भूपेंद्र बताते हैं कि उम्रकैद की सजा पूरी होने में फिलहाल कुछ समय बाकी है, लेकिन ओपेन जेल में आने के बाद मुझे लग रहा है कि मेरी अभी से रिहाई हो गयी है.
कैदियों के लिए बेहतर आयाम बनेगा ओपेन जेल
जिला और सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि कैदियों को बेहतर फिर से समाज की मुख्यधारा में लाने और एक बेहतर इंसान बनने में ओपेन जेल बड़ा माध्यम बनेगा. सजा पूरी करने के बाद जब कैदी ओपेन जेल से रिहा होंगे, तो वे समाज को बेहतर बनाने में योगदान कर सकेंगे.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार शुरू किया गया ओपेन जेल
जेल प्रशासन करेगा निगरानी
हालांकि यह ओपन है, मगर अंतत: जेल ही है. लिहाजा इस पर जेल प्रशासन की पूरी निगरानी है. जिला जेल की अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी बताती हैं कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदेश में ओपेन जेलों का प्रयोग शुरू किया गया है.