नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने 1979 के बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी शरद कुमार को सतर्कता आयुक्त नियुक्त करने के खिलाफ पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल (सेवानिवृत्त) एल रामदास और अन्य की याचिका सोमवार को खारिज कर दी. न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता इससे प्रभावित लोग नहीं हैं.
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने कहा कि रामदास और अन्य उन लोगों की ओर से न्यायालय नहीं आ सकते जो हो सकता है कि कुमार की नियुक्ति से प्रभावित हुए हों. पीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण से कहा, प्रभावित व्यक्तियों को आने दीजिये. यदि कोई इससे प्रभावित नहीं है तो हम आपको क्यों सुनें. भूषण का कहना था कि इस पद के लिए जारी विज्ञापन में कहा गया था कि इसके लिए एक जनवरी, 2018 को 62 साल से काम आयु के लोग आवेदन कर सकते हैं. याचिका में दावा किया गया था कि कुमार इस पद के योग्य नहीं थे, क्योंकि वह 62 साल के और इस शर्त की वजह से अनेक दूसरे व्यक्ति आवेदन नहीं कर सके थे.
भूषण ने जब इसे मनमाना और पक्षपातपूर्ण बताया तो पीठ ने टिप्पणी की, यदि कोई, जो इस वजह से आवेदन नहीं कर सका और कहता है कि इससे संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन हुआ है तो हम उसे सुन सकते हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी के पूर्व मुखिया शरद कुमार को दस जून को सतर्कता आयुक्त नियुक्त किया गया था. वह पिछले साल सितंबर में एनआई से सेवानिवृत्त हुए थे.