हैदराबाद : कांग्रेस, टीडीपी और लेफ्ट ने तेलंगाना में विधानसभा चुनाव साथ लड़ने का निर्णय लिया है. तीनों पार्टियों के नेताओं के बीच सोमवार को पहले दौर की बैठक हुई जिसके बाद वे राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन से मुलाकात करने पहुंचे और सूबे में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. यहां चर्चा कर दें कि कुछ दिन पूर्व ही तेलंगाना राष्ट्र समिति प्रमुख और कार्यवाहक मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने विधानसभा भंग कर दी थी जिसके बाद ऐसे कयास लगाये जा रहे है कि राज्य में दिसंबर तक चुनाव हो सकते हैं.
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कांग्रेस, टीडीपी और लेफ्ट के नेताओं का कहना है कि चंद्रशेखर राव राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री के पद पर आसीन है. ऐसे में निष्पक्ष चुनाव कराये जाने की उम्मीद कम ही है. राष्ट्रपति शासन के बाद ही सूबे में चुनाव कराए जाएं. गौर हो कि तेलुगू देशम पार्टी के 35 साल के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब उसने किसी राज्य में कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया है. टीआरएस ने विधानसभा भंग करने के कुछ देर बाद ही 105 उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी थी.
टीआरएस-भाजपा को हराना हमारा उद्देश्य
कांग्रेस नेता उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि टीआरएस और भाजपा को हराना हमारा मुख्य उद्देश्य है जिसके लिए हम सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि, अभी सीटों के बंटवारे पर फैसला नहीं हुआ है. कांग्रेस के तेलंगाना प्रभारी आरसी खुंटिया ने कहा कि टीडीपी के साथ हमारे रिश्ते कभी भी कड़वे नहीं रहे हैं. टीडीपी आंध्र को विशेष पैकेज की मांग पर एनडीए से अलग हो गयी थी. नायडू पिछले दिनों कई अवसर पर कांग्रेस के साथ नजर आये.