पेट्रोल-डीजल के दाम के मुद्दे पर हस्तक्षेप से हाइकोर्ट का इनकार, कहा – यह नीतिगत निर्णय

नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि ईंधन के दामों में प्रतिदिन परिवर्तन केंद्र सरकार का ‘आर्थिक नीतिगत निर्णय’ है और अदालतों को इसमें नहीं पड़ना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ ने स्पष्ट किया कि वह सरकार के निर्णय पर हस्तक्षेप के लिए तैयार नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2018 4:38 PM

नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि ईंधन के दामों में प्रतिदिन परिवर्तन केंद्र सरकार का ‘आर्थिक नीतिगत निर्णय’ है और अदालतों को इसमें नहीं पड़ना चाहिए.

मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ ने स्पष्ट किया कि वह सरकार के निर्णय पर हस्तक्षेप के लिए तैयार नहीं है. साथ ही उसने कहा,‘इससे बड़े आर्थिक मुद्दे’ जुड़े हैं. अदालत ने कहा, ‘यह सरकार की आर्थिक नीति का मामला है. बड़े आर्थिक मुद्दे हैं. अदालतों को इससे अलग रहना चाहिए. सरकार ऐसा (उचित मूल्य निर्धारण) कर सकती है. हम उन्हें ऐसा करने के लिए निर्देश नहीं दे सकते.’ पीठ दिल्ली की डिजाइनर पूजा महाजन की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में ईंधन के दाम में प्रतिदिन बढ़ोतरी को चुनौती देते हुए केंद्र को इसे आवश्यक वस्तु मानते हुए पेट्रोल और डीजल का उचित मूल्य निर्धारित करने के निर्देश देने की मांग की गयी है.

अधिवक्ता ए मैत्री के माध्यम से दाखिल याचिका में यह भी दावा किया गया है कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के लिए महाजन के प्रतिवेदन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है. इसके बाद अदालत ने केंद्र सरकार को उनके प्रतिवेदन पर चार सप्ताह के अंदर निर्णय लेने के निर्देश दिये और मामले को सुनवाई के लिए 16 नवंबर को सूचिबद्ध कर दिया.

Next Article

Exit mobile version