छात्र संघ चुनाव नतीजों के बाद जेएनयू में वामपंथी छात्र संगठनों और एबीवीपी के बीच झड़प
नयी दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनावों के नतीजों के ऐलान के कुछ ही घंटों बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वाम समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के सदस्यों के बीच सोमवार को झड़प हो गयी. दोनों संगठनों के सदस्यों ने एक-दूसरे […]
नयी दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनावों के नतीजों के ऐलान के कुछ ही घंटों बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वाम समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के सदस्यों के बीच सोमवार को झड़प हो गयी. दोनों संगठनों के सदस्यों ने एक-दूसरे पर हमला करने का आरोप लगाया.
वामपंथी छात्र संगठनों द्वारा रविवार को जेएनयूएसयू के केंद्रीय पैनल की सभी चार सीटों पर जीत दर्ज करने और एबीवीपी को बड़े अंतर से हराने के बाद विश्वविद्यालय परिसर में हिंसा भड़क गयी. आइसा का आरोप है कि एबीवीपी के सदस्यों ने अचानक छात्रों पर हमला शुरू कर दिया. एक पूर्व छात्र की लगभग पीट-पीटकर हत्या कर दिये जाने जैसी स्थिति आ गयी थी. जेएनयूएसयू के नये अध्यक्ष की भी पिटाई की गयी. दूसरी ओर, एबीवीपी का दावा है कि वाम समर्थकों ने उसके कार्यकर्ताओं की पिटाई की, जिसमें तीन लोग घायल हुए. जेएनयू परिसर में दो समूहों के बीच झड़प की यह दूसरी घटना है. शनिवार को मतगणना से पहले भी झड़प हुई थी.
चुनाव अधिकारियों की ओर से जबरन प्रवेश और बैलट बक्से छीनने की कोशिशों के आरोप लगाये जाने के बाद मतगणना कुछ घंटों के लिए रोक दी गयी थी. जेएनयूएसयू के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एन साई बालाजी ने आरोप लगाया कि सोमवार की सुबह एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने उनकी पिटाई की. बालाजी ने कहा, सोमवार को एबीवीपी के छात्रों ने अचानक छात्रों पर हमला शुरू कर दिया. मुझे सतलज छात्रावास में मौके पर बुलाया गया. जेएनयूएसयू के निर्वाचित अध्यक्ष के तौर पर मैं उस छात्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गया जिसे एबीवीपी के सदस्य डंडों से मार रहे थे. उन्होंने कहा, वहां पहुंचने पर मैंने देखा कि वहां अराजकता की स्थिति है. एबीवीपी के सदस्यों की अगुवाईवाली भीड़ ऐसे किसी भी छात्र की खून की प्यासी लग रही थी, जो उन्हें उस छात्र का मित्र लग रहा था जिसे वे पीट रहे थे.
बालाजी ने दावा किया कि एबीवीपी के सदस्यों ने खुलेआम मुझे, जेएनयूएसयू की पूर्व अध्यक्ष गीता कुमारी और वहां मौजूद अन्य छात्रों को धमकी दी कि यदि उन्होंने हिंसा रोकने में दखल दिया तो गंभीर नतीजे भुगतने होंगे. उन्होंने कहा, वह समूह किसी भीड़ में तब्दील हो गया और झेलम छात्रावास में जेएनयू के एक पूर्व छात्र पर हमला करने लगा और उसे खदेड़ दिया. उन्होंने उसे लॉन में एक तरह से पीट-पीटकर जान से ही मार डाला था. मैं अन्य छात्रों के साथ उसे बचाने के लिए दौड़ा. पिटाई के कारण वह बेहोश होकर गिर पड़ा था. फिर हम उसे एक एम्बुलेंस में ले गये. बालाजी ने कहा कि हालात काबू से बाहर हो जाने के बाद कुछ छात्रों ने उसे पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) की एक वैन में बैठने को कहा. इसके बाद भीड़ ने पीसीआर वैन को भी रोक दिया और एबीवीपी का एक सदस्य उसमें बैठ गया. एबीवीपी के दो सदस्य वैन को बार-बार रोक रहे थे. जेएनयूएसयू अध्यक्ष ने दावा किया कि पीसीआर वैन के दरवाजे खोल दिये गये और मुझे एबीवीपी के सदस्यों ने धमकाया और मुझ पर हमला किया.
बहरहाल, एबीवीपी ने दावा किया कि आइसा के सदस्यों ने उनसे बदसलूकी की. एबीवीपी ने कहा, कम्यूनिस्ट विचारधारा के झंडाबरदारों की आड़ में अपराधियों ने एबीवीपी से जुड़े जेएनयू के तीन छात्रों पर हमला किया, जिनकी अगुवाई जेएनयूएसयू की निवर्तमान अध्यक्ष गीता कुमारी कर रही थी और उनके साथ उनके एक करीबी मित्र और गैर-छात्रों सहित 15-20 वामपंथी कार्यकर्ता थे. आरएसएस की छात्र इकाई ने आरोप लगाया कि वामपंथी कार्यकर्ता एक छात्र के कमरे में घुस गये और उसे डंडों एवं मुक्कों से पीटा. दो अन्य छात्र भी जख्मी हुए. एबीवीपी ने कहा, एबीवीपी छात्रों पर वाम का लक्षित हिंसक हमला परिसर में पैदा हो रहे नापाक मंसूबों का साफ संकेत हैं. आइसा-एसएफआई और उनके सहयोगियों ने जेएनयू परिसर में चीजें बदतर बनाने का फैसला कर लिया है. वामपंथी इस परिसर में हंगामा चाहते हैं.
वसंत कुंज पुलिस थाने में एबीवीपी और आइसा दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दाखिल की है. पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) देवेंदर आर्य ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है. उन्होंने कहा, पीसीआर को जेएनयू में झड़प की खबरें तड़के करीब तीन बजे मिली. इसके बाद हमने विश्वविद्यालय के अधिकारियों, छात्रों एवं प्रोफेसरों के साथ चर्चा की. आर्य ने कहा, वसंत कुंज (उत्तरी) पुलिस थाने में शिकायतें प्राप्त हुई हैं. गुण-दोष के आधार पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है. हालात काबू में है और सामान्य है. पुलिस व्यवस्था की गयी है. विश्वविद्यालय परिसर में हिंसा के खिलाफ जेएनयू शिक्षक संघ ने शाम में एक विरोध मार्च निकाला जिसमें कई छात्रों और विश्वविद्यालय कर्मियों ने भी हिस्सा लिया.
जेएनयू की छात्र नेता शहला राशिद ने सोमवार को ट्वीट किया, एबीवीपी को अपना ट्विटर हैंडल @ABVPVoice से बदलकर @ABVPViolence कर लेना चाहिए और अपना पूरा नाम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से बदल कर अखिल भारतीय वायलेंस (हिंसा) परिषद कर लेना चाहिए. जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने कहा कि एबीवीपी पिछले तीन दिनों से परिसर में हिंसा कर रही है. उमर ने ट्वीट किया, पिछले तीन दिनों से एबीवीपी के गुंडे जेएनयू में हिंसा कर रहे हैं, महिलाओं सहित छात्रों की पिटाई कर रहे हैं. छात्रों को अस्पताल ले जाया गया है. प्राथमिकी दाखिल की गयी है. उन्होंने कहा, लेकिन कुलपति ने एक शब्द भी नहीं बोला है, वह अपनी निष्क्रियता से इन गुंडों को मौन रहकर उत्साहित कर रहे हैं. बेशर्म इंसान, जेएनयू पर कलंक.
जानेमाने वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट किया, जेएनयूएसयू चुनाव 2018 में करारी हार के बाद भी यदि एबीवीपी जेएनयूएसयू के निर्वाचित एवं पूर्व अध्यक्षों पर ऐसी हिंसा कर सकती है, तो कल्पना करें कि यदि वे जीत जाते तो क्या-क्या करते. अब आप समझ सकते हैं कि शाह के यह कहने का क्या मतलब है कि ‘यदि हम 2019 में जीते तो हम 50 साल तक राज करेंगे.