नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ती चिदंबरम विदेश यात्रा के लिए अदालत की ओर से दी गयी छूट का घोर दुरुपयोग कर रहे हैं और इसका इस्तेमाल जांच को लंबा खींचने में कर रहे हैं. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर एवं न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कार्ती की उस अर्जी पर सुनवाई के लिए 18 सितंबर की तारीख तय की, जिसमें उन्होंने ब्रिटेन की यात्रा पर जाने के लिए अदालत से इजाजत मांगी है.
ईडी और सीबीआई कार्ती के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जांच कर रही हैं. एक मामला उस वक्त का है, जब पी चिदंबरम के केंद्रीय वित्त मंत्री पद पर रहते हुए आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये विदेशी धनराशि के रूप में प्राप्त करने के लिए एफआईपीबी की मंजूरी दी गयी थी. ईडी के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दाखिल किये गये अपने जवाब में आरोप लगाया कि एयरसेल-मैक्सिस और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में कार्यवाहियों का सामना कर रहे कार्ती विदेश यात्रा के लिए मिली छूट का घोर दुरुपयोग कर रहे हैं और इसका इस्तेमाल जांच को लंबा खींचने में कर रहे हैं, जबकि एयरसेल-मैक्सिस मामले में एजेंसी को छह महीने में अपनी जांच पूरी करनी है.
अपने जवाब में ईडी ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता/आवेदक (कार्ती) इस छह महीने की अवधि के दौरान अपनी विदेश यात्राओं के कारण कुल 51 दिन जांच के लिए अनुपलब्ध रहे. ईडी ने कहा कि जब भी दस्तावेजों से उनका सामना कराया गया, तो उन्होंने अपनी खीझ दिखायी. कभी-कभी गुस्सा दिखाया और फिर किसी न किसी बहाने से सुविधाजनक तरीके से सवालों को टाला.
सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई को कार्ती को 23 जुलाई से लेकर 31 जुलाई तक ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका की यात्रा पर जाने की इजाजत दी थी. अदालत ने साफ कर दिया था कि उन्हें तय की गयी शर्तों का पालन करना होगा.