गोवा संकट : कांग्रेस MLA राज्यपाल से मिले, भाजपा को बहुमत साबित करने का निर्देश देने को कहा
पणजी/नयी दिल्ली : गोवा में कांग्रेस के विधायकों ने मंगलवार को राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात की और उन्हें भाजपा सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश देने के लिए कहा. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब 62 वर्षीय मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर अग्नाशय की बीमारी का इलाज कराने के लिए दिल्ली […]
पणजी/नयी दिल्ली : गोवा में कांग्रेस के विधायकों ने मंगलवार को राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात की और उन्हें भाजपा सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश देने के लिए कहा. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब 62 वर्षीय मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर अग्नाशय की बीमारी का इलाज कराने के लिए दिल्ली में एम्स में भर्ती हैं.
विपक्ष के नेता चंद्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने मांग की कि राज्यपाल को विधानसभा का एकदिवसीय सत्र बुलाकर बहुमत साबित करवाना चाहिए. कावलेकर ने कहा कि राज्यपाल ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह अगले तीन-चार दिनों में इस मुद्दे पर उन्हें अवगत करायेंगी. राज्यपाल के साथ बैठक के दौरान कांग्रेस विधायकों ने कहा कि 40 सदस्यीय विधानसभा में पर्रिकर के नेतृत्ववाले गठबंधन के पास बहुमत से कम आंकड़े हैं और सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के पास आवश्यक संख्या है. सिन्हा के साथ मुलाकात के बाद कावलेकर ने संवाददाताओं से कहा, राज्य सरकार सदन में साबित करे कि उसके पास बहुमत है अन्यथा हम दिखायेंगे कि हमारे पास उनसे ज्यादा विधायक हैं. गोवा के 40 सदस्यीय सदन में कांग्रेस के 16 विधायक हैं.
गोवा फॉरर्वड पार्टी (जीएफपी), महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी), राकांपा और निर्दलियों के सहयोग से राज्य का शासन भाजपा चला रही है. विधानसभा में भाजपा के 14 विधायक, जीएफपी और एमजीपी के तीन-तीन सदस्य और राकांपा का एक सदस्य है. तीन निर्दलीय विधायक हैं. दिल्ली में रक्षा मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस की पहल से सत्ता हथियाने की उसकी बेचैनी झलकती है. उन्होंने संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा, मुख्यमंत्री बीमार हैं. अन्यथा वह काम से अलग नहीं रहते. कांग्रेस को मुख्यमंत्री की बीमारी में अवसर दिखता है. यह दिखाता है कि बेचैनी (कांग्रेस के अंदर) का स्तर कितना है. वाकई मुझे इससे दुख होता है.
कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल से यह भी अपील की कि विधानसभा भंग नहीं होने दें. राज्य में पिछले वर्ष फरवरी में विधानसभा चुनाव हुए थे. कावलेकर ने कहा, भाजपा के पास जब आवश्यक संख्या नहीं होती है, तो उसकी आदत है कि सदन भंग करने की अनुशंसा कर देती है. राज्यपाल को गोवा में इस तरह का काम करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए क्योंकि सदन में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है. कांग्रेस नेता ने कहा, हम डेढ़ वर्ष के अंदर एक और चुनाव नहीं चाहते हैं.