Assam NRC : Draft of register से छूटे व्यक्तियों के दावे और आपत्तियां स्वीकार करने का आदेश

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने असम के राष्ट्रीय नागरिक पंजी के मसौदे से बाहर रह गये करीब 40 लाख व्यक्तियों के दावे और आपत्तियां स्वीकार करने का काम शुरू करने का बुधवार को आदेश दिया. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आरएफ नरिमन की पीठ ने कहा कि नागरिक पंजी के मसौदे से छूट गये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2018 5:55 PM

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने असम के राष्ट्रीय नागरिक पंजी के मसौदे से बाहर रह गये करीब 40 लाख व्यक्तियों के दावे और आपत्तियां स्वीकार करने का काम शुरू करने का बुधवार को आदेश दिया.

न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आरएफ नरिमन की पीठ ने कहा कि नागरिक पंजी के मसौदे से छूट गये करीब 40 लाख लोगों के दावे और आपत्तियां प्राप्त करने की प्रक्रिया 25 सितंबर से शुरू होगी और यह अगले 60 दिन तक चलेगी. पीठ ने कहा, हमारा मानना है कि इस समय हमें जुलाई में प्रकाशित राष्ट्रीय नागरिक पंजी के मसौदे में शामिल करने के बारे में दावे और आपत्तियां दाखिल करने की प्रक्रिया पर जोर देने की आवश्यकता है. पीठ ने स्पष्ट किया कि इस मसले के परिमाण को देखते हुए ही नागिरकों को दूसरा अवसर प्रदान किया जा रहा है. पीठ इस मामले में अब 23 अक्तूबर को आगे विचार करेगी.

पीठ ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी में नाम शामिल करने के लिए चुनिंदा दस्तावेजों की स्वीकार्यता और अस्वीकार्यता के संबंध में केंद्र के रुख पर असम राष्ट्रीय नागरिक पंजी के समन्वयक प्रतीक हजेला से उनकी राय भी पूछी है. शीर्ष अदालत के निर्देशानुसार, राष्ट्रीय नागरिक पंजी का पहला मसौदा 31 दिसंबर और एक जनवरी की मध्य रात प्रकाशित हुआ था. तब 3.29 करोड़ आवेदकों में से 1.9 करोड़ लोगों के नाम शामिल किये गये थे. असम 20वीं सदी के प्रारंभ से ही बांग्लादेश के लोगों की घुसपैठ से जूझ रहा था. असम एकमात्र राज्य है जिसके पास राष्ट्रीय नागरिक पंजी है जिसे पहली बार 1951 में तैयार किया गया था.

Next Article

Exit mobile version