नयी दिल्ली : अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भरोसा दिया कि उनकी सरकार मई में अशांत बागलान प्रांत में तालिबान की ओर से अगवा किये गये सात इंजीनियरों को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाने के लिए हरसंभव कदम उठायेगी. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. मोदी के साथ व्यापक बातचीत के दौरान गनी ने उन्हें यह भी बताया कि अफगान सरकार अफगानिस्तान में सिखों की सुरक्षा बढ़ा रही है. बीती जुलाई में एक आत्मघाती बम हमले में सिख समुदाय के 13 लोग मारे गये थे.
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सूत्रों ने बताया कि गनी ने इन दोनों मुद्दों पर जवाब तब दिये, जब मोदी ने ये मुद्दे उठाये. अफगान राष्ट्रपति ने जलालाबाद में आतंकवादी हमले में 13 भारतीयों की मौत पर अफसोस जताया. छह मई को बागलान प्रांत में सात भारतीय इंजीनियर अगवा कर लिये गये थे. मोदी ने वार्ता के दौरान इस मुद्दे पर गनी से अपनी चिंता साझा की.
वार्ता के दौरान अफगानिस्तान भारत एवं चीन की ओर से संयुक्त तौर पर परियोजनाएं शुरू करने के फैसले पर भी चर्चा की गयी. सूत्रों ने बताया कि अफगान राजनयिकों के लिए चीन-भारत समेकित प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत दिल्ली में अगले महीने होगी. राजनयिकों को पहले दिल्ली और फिर बीजिंग में प्रशिक्षण दिया जायेगा. गनी यहां दो दिन की यात्रा पर आये हैं.
इससे पहले, दिन में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया कि रणनीतिक साझेदार और मूल्यवान पड़ोसी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी का हैदराबाद हाउस में गर्मजोशी से स्वागत किया. उसके बाद द्विपक्षीय वार्ता हुई. समझा जाता है कि गनी ने मोदी को संघर्ष प्रभावित अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया की स्थिति के बारे में जानकारी दी.
भारत हमेशा से अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता लाने के लिए उस देश के नेतृत्व में शांति प्रक्रिया की वकालत करता रहा है. भारत संघर्ष प्रभावित अफगानिस्तान में पुनर्निर्माण के प्रयासों में भी सक्रियता से शामिल रहा है.