शहीद जवान के बेटे ने सरकार से की कार्रवाई की मांग, कहा- शहादत पर गर्व, लेकिन हमें मिले मदद

सोनीपत/जम्मू/नयी दिल्ली : पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू के समीप अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ के एक जवान को गोली मारने के बाद उसको अगवा कर लिया. फिर उसका गला रेतकर हत्या कर दी और शवों के साथ बर्बरता की. जवान की पहचान हेड कॉन्स्टेबल नरेंद्र कुमार के तौर पर हुई है. जवान के शरीर पर तीन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 20, 2018 1:47 PM

सोनीपत/जम्मू/नयी दिल्ली : पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू के समीप अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ के एक जवान को गोली मारने के बाद उसको अगवा कर लिया. फिर उसका गला रेतकर हत्या कर दी और शवों के साथ बर्बरता की. जवान की पहचान हेड कॉन्स्टेबल नरेंद्र कुमार के तौर पर हुई है. जवान के शरीर पर तीन गोलियों के निशान हैं और उसका गला काट दिया गया है. यह बर्बर घटना मंगलवार को सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर में हुई.

नरेंद्र सिंह को सोनीपत के उनके पैतृक गांव में लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी. शहीद जवान को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों की संख्‍या में लोग जुटे. पिता की शहादत से दुखी उनके बेटे ने पाकिस्तान की बर्बरता पर सरकार से ऐक्शन लेने की बात कही है. बेटे ने कहा कि हमारे लिए यह गर्व की बात है; हर किसी को तिरंगे में अंतिम विदाई नहीं मिलती है लेकिन, हम सिर्फ गर्व करके ही नहीं चुप बैठ सकते हैं. हमें आज गर्व है, कल फिर कोई शहीद होगा और फिर गर्व होगा. हम सरकार से मांग करते हैं कि वह पाकिस्तान के खिलाफ ऐक्शन ले.

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आगे उसने कहा कि आज हमें गर्व है, लेकिन 2 से 3 दिन बाद क्या होगा, जब हमें कोई सहायता नहीं मिलेगी ? मेरे और मेरे भाई के पास रोजगार नहीं है. मेरे पति परिवार के अकेले कमाऊ सदस्य थे और देश की सेवा करते हुए शहीद हो गये. मैं चाहता हूं कि अथॉरिटी हमें वे चीजें मुहैया कराए, जिनकी हमें आवश्‍यकता है.

बढ़ सकता है तनाव

इस घटना से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है. घटना के बाद सुरक्षा बलों ने पूरी अंतरराष्ट्रीय सीमा तथा नियंत्रण रेखा पर हाईअलर्ट जारी कर दिया है. बीएसएफ ने अपने समकक्ष पाकिस्तान रेंजर्स के समक्ष कड़ाई के साथ यह मुद्दा उठाया है. दरअसल, मंगलवार की सुबह कुछ जवान सरकंडा (एक तरह की घास) काटने के लिए अपनी ही सीमा में फेंसिंग के आगे गये थे. इस बीच, पाकिस्तानी सैनिकों ने अचानक 10:40 बजे फायरिंग कर दी. इसमें एक जवान घायल हो गया. अन्य जवानों ने मोर्चा संभाला और वहां से सुरक्षित स्थान की तरफ आ गये, जबकि एक जवान वहीं छूट गया. जवान को पहले लापता घोषित कर दिया गया था. उसका पता लगाने के लिए दिन भर भारतीय पक्ष की ओर से सीमा के दूसरी ओर फोन करने एवं संवाद के आदान-प्रदान करने का सिलसिला चलता रहा. देर शाम बीएसएफ ने बताया कि जवान का शव भारत-पाक बाड़ के आगे मिल पाया, क्योंकि पाकिस्तानी पक्ष ने सीमा पर संयंम बनाये रखने और बीएसएफ के खोजी दलों पर गोलीबारी न होना सुनिश्चित करने के आह्वान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

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पाक रेंजर्स ने बनाया बहाना

बीएसएफ ने हालांकि अभी इस घटनाक्रम पर टिप्पणी नहीं की है. अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तानी रेंजर्स से लापता जवान का पता लगाने के लिए संयुक्त गश्त में शामिल होने को कहा गया था, लेकिन पाक रेंजर्स ने एक स्थान तक आने के बाद समन्वित कार्रवाई में शामिल न हो पाने के लिए इलाके में पानी जमा होने का बहाना बना दिया. तब बीएसएफ ने सूर्यास्त का इंतजार किया और जवान का शव चौकी तक लाने के लिए जोखिम भरा अभियान शुरू किया.

सही समय पर करेंगे जवाबी कार्रवाई : अफसर

एक अधिकारी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय सुरक्षा बल के साथ हुई यह अप्रत्याशित घटना है और पाकिस्तानी सैनिक इसके पीछे हैं. बीएसएफ और अन्य सुरक्षा बल सही समय पर जवाबी कार्रवाई करेंगे

अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पहली घटना
बल के अधिकारियों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जवान के साथ क्रूरता की घटना संभवत: पहली है. इससे पहले माछिल, नौशेरा और कृष्ण घाटी सेक्टर स्थित नियंत्रण रेखा पर ऐसी घटनाएं हुई हैं. पिछले साल मई में कृष्ण घाटी सेक्टर में पाकिस्तान की बाॅर्डर एक्शन टीम ने बीएसएफ के दो जवानों की हत्या कर शवों को विकृत कर दिया था.

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