नन बलात्कार मामला : मंत्री ने कहा, सरकार पीड़िता के साथ, न्याय मिलेगा
कोच्चि/तिरुवनंतपुरम : नन से बलात्कार एवं अप्राकृतिक यौन संबंध के आरोपों को लेकर केरल पुलिस ने शुक्रवार लगातार तीसरे दिन पादरी फ्रैंको मुलक्कल से पूछताछ की. नन के साथ कथित तौर पर बार-बार बलात्कार और यौन उत्पीड़न को लेकर बढ़ते आक्रोश के बीच केरल सरकार ने कहा कि मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा […]
कोच्चि/तिरुवनंतपुरम : नन से बलात्कार एवं अप्राकृतिक यौन संबंध के आरोपों को लेकर केरल पुलिस ने शुक्रवार लगातार तीसरे दिन पादरी फ्रैंको मुलक्कल से पूछताछ की. नन के साथ कथित तौर पर बार-बार बलात्कार और यौन उत्पीड़न को लेकर बढ़ते आक्रोश के बीच केरल सरकार ने कहा कि मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है और न्याय मिलेगा.
केरल के वरिष्ठ मंत्री ईपी जयराजन ने तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं को बताया, जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है. सरकार पीड़िता के साथ है. सरकार प्रदर्शन कर रही ननों के साथ है. निश्चित रूप से सरकार दोषियों की पहचान और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने के लिए हर जरूरी कदम उठायेगी. उन्होंने कहा कि पादरी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन में बैठे लोगों सहित किसी ने भी जांच की प्रक्रिया को लेकर शिकायत नहीं की है. मंत्री का यह बयान केरल की सत्तारूढ़ माकपा के प्रदेश सचिव कोडियेरी बालाकृष्णन की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें कोडियेरी ने कहा था कि मुलक्कल की गिरफ्तारी को लेकर उच्च न्यायालय के सामने ननों का प्रदर्शन गलत भावना से प्रेरित है.
तिरुवनंतपुरम में बृहस्पतिवार को माकपा युवा शाखा डीवाईएफआई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बालाकृष्णन ने आरोप लगाया कि आंदोलन गलत इरादे से किया जा रहा है और यह वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ राजनीति से प्रेरित है. माकपा के मुखपत्र ‘देशाभिमानी’ में शुक्रवार को प्रकाशित एक लेख में बालाकृष्णन ने कहा, कुछ ताकतें ननों के प्रदर्शन को सरकार के खिलाफ चित्रित करने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने कहा, यह प्रयास एलडीएफ सरकार और माकपा के खिलाफ राजनीतिक तनाव पैदा करने के इरादे से किये जा रहे हैं. इस तरह की राजनीतिक ताकतें ननों के प्रदर्शन को हथियाने की कोशिश कर रही हैं और छद्म तरीके से राज्यभर में आंदोलन शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, इस तरह की सांप्रदायिक ताकतों की पहचान होनी चाहिए. सिर्फ इसलिए नहीं कि एक बिशप इस मामले में संलिप्त है, बल्कि इसलिए क्योंकि गलत इरादे से सभी बिशप को बुरा चित्रित किया जा रहा है. अगर सबूत हैं तो चाहे वह पादरी या कोई धर्माधिकारी, उसे बचने नहीं दिया जायेगा और कानून अपना करेगा.
वेटिकन ने बृहस्पतिवार को मुलक्कल को अस्थायी तौर पर उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया. मुलक्कल जालंधर डायोसिस के तहत आनेवाले मिशनरीज ऑफ जीसस के बिशप थे. सेव आवर सिस्टर्स (एसओएस) एक्शन काउंसिल के संयोजक फादर ऑगस्टीन वट्टोली ने माकपा नेता के बयान की निंदा की और कहा कि पीड़ित नन के लिए न्याय की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी उनकी (नेता की) टिप्पणियों से आहत हैं. कोट्टायम के पुलिस अधीक्षक हरि शंकर ने बताया कि मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शुक्रवार को पूछताछ की प्रक्रिया खत्म करने का फैसला किया है.
पूर्व बिशप से बृहस्पतिवार को आठ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ हुई. उन्हें शुक्रवार सुबह साढ़े दस बजे तक त्रिप्पुनितुरा स्थित अपराध शाखा कार्यालय में एसआईटी के समक्ष पेश होने का आदेश दिया गया. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पूछताछ के लिए वह कोच्चि में एक पांच सितारा होटल से सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर पहुंचे. मुलक्कल की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने कानूनी सलाह मांगी है. मुलक्कल की अग्रिम जमानत याचिका उच्च न्यायालय में लंबित है. जालंधर डायोसिस के ‘मिशनरीज ऑफ जीसस कांग्रीग्रेशन’ की केरल स्थित नन ने मुलक्कल पर बार-बार बलात्कार और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.