कोट्टायम (केरल) : पाला की एक अदालत ने बिशप फ्रैंको मुलक्कल की जमानत याचिका शनिवार को खारिज कर दी और उन्हें दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. बिशप फ्रैंको मुलक्कल को एक नन के साथ बलात्कार करने और यौन उत्पीड़न के आरोपों में गिरफ्तार किया गया.
बिशप को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अपराह्न लगभग एक बज कर 15 मिनट पर मजिस्ट्रेट की अदालत में लाया गया. उनके वकीलों ने याचिका दायर की और कहा कि पादरी को जांच टीम ने तीन दिन की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था.
याचिका का विरोध करते हुए पुलिस ने कहा कि मामले में जांच पूरी करने के लिए बिशप को तीन दिन की हिरासत में भेजे जाने की जरूरत है. इसके बाद मजिस्ट्रेट ने बिशप को दो दिन, सोमवार अपराह्न ढाई बजे तक पुलिस की हिरासत में भेज दिया.
इससे पूर्व बिशप को यहां सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल से छुट्टी दी गई जहां वह छाती में दर्द की शिकायत के बाद शुक्रवार की रात से भर्ती थे. एर्नाकुलम के थिरीपुन्नीथुरा में अपराध शाखा कार्यालय से जब बिशप को शुक्रवार की रात को कोट्टायम पुलिस क्लब ले जाया जा रहा था, तो 54 वर्षीय पादरी ने अपनी छाती में दर्द की शिकायत की थी.
पुलिस यहां पुलिस क्लब से बिशप को पाला की अदालत ले गयी. जून में कोट्टायम पुलिस के समक्ष दर्ज करायी अपनी शिकायत में नन ने आरोप लगाया था कि बिशप मुलक्कल ने मई 2014 में कुराविलांगड में एक अतिथि गृह में उसके साथ बलात्कार किया था और इसके बाद कई मौकों पर उसका यौन उत्पीड़न किया.
नन ने कहा कि उसने पादरी के खिलाफ चर्च अधिकारियों के पास कई बार शिकायत की थी लेकिन उन्होंने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की और इसके बाद वह पुलिस के पास गयी थी. बिशप ने इन आरोपों से इनकार किया है.