कोच्चि/मुंबई : हिंद महासागर में दौड़ स्पर्धा के दौरान आये तूफान की वजह से घायल हुए और तीन दिन बाद एक फ्रांसीसी जहाज द्वारा बचाये गये भारतीय नौसेना के कमांडर अभिलाष टॉमी ने बुधवार को कहा कि उनके नौकायन कौशल और नौसैन्य प्रशिक्षण के कारण अशांत महासागर में उनकी जान बची.
नौसेना के अधिकारी ने बचाव अभियान में शामिल सभी लोगों का आभार जताते हुए कहा कि गत शुक्रवार को तूफान में उनकी बिना मोटरवाली नाव जिस समुद्र क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुई थी, वहां मौसम काफी अशांत था. उन्होंने कहा, समुद्र में लहरें काफी तेज थीं. मैं और मेरी नाव थुरिया दोनों की किस्मत प्रकृति के हाथों में थी. उन्होंने कहा, मैं अपने नौकायन कौशल, अपने अंदर मौजूद सैनिक और उस संघर्ष का सामना करने में सक्षम अपने नौसेन्य प्रशिक्षण के कारण बचा. भारतीय नौसेना के एक प्रवक्ता ने ट्विटर पर टॉमी का संदेश डाला जिसमें उन्होंने लिखा है, भारतीय नौसेना और मुझे बचाने में शामिल सभी लोगों का आभारी हूं. टॉमी गुरुवार को आईएनएस सतपुड़ा के चालक दल के सदस्यों से मिलेंगे जिसके बाद उन्हें मॉरिशस ले जाने की संभावना है.
एक रक्षा अधिकारी ने मुंबई में कहा कि ऐसा अनुमान है कि गुरुवार को यह पोत हिंद महासागर के दक्षिणी द्वीप आइल एम्सटर्डम पहुंच जायेगा. नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि समुद्र से सुरक्षित बचाकर फ्रांसीसी गश्ती जहाज ओसिरिस ने कीर्ति चक्र से सम्मानित अभिलाष टॉमी को मंगलवार को हिंद महासागर के दक्षिणी द्वीप आइल एम्सटर्डम पहुंचाया. इस जहाज ने सोमवार को गहरे समुद्र में उन्हें बचाया था. शुक्रवार को तूफान में उनकी नौका गोल्डन ग्लोब रेस के दौरान क्षतिग्रस्त हो गयी थी. कमांडर (सेवानिवृत) दिलीप डोंडे ने इससे पहले बताया था कि कमांडर टॉमी की हालत स्थिर है और वह सुरक्षित हाथों में हैं. आइल एम्सटर्डम पर समुचित चिकित्सा सुविधाएं हैं.
उन्होंने कहा कि उस द्वीप पर हवाई पट्टी नहीं है और कमांडर टॉमी को समुद्री मार्ग से ही जाना होगा. उन्हें मॉरीशस, रियूनियन आइलैंड या आॅस्ट्रेलिया ले जाया जा सकता है. नौसेना के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि उनकी प्राथमिकता टॉमी को माॉरिशस लाने की है जहां भारतीय नौसेना मौजूद है. उन्होंने बताया कि उन्हें अस्पताल ले जाया जायेगा और अगर मंजूरी मिली तो उन्हें हवाई मार्ग से भारत भेज दिया जायेगा.