नयी दिल्ली : भीमा-कोरेगांव मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज पांच कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के मामले में हस्तक्षेप करने और विशेष जांच दल गठित करने से इनकार कर दिया.
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वहीं बहुमत के विपरीत न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ ने अपने फैसले में कहा कि पांच आरोपियों की गिरफ्तारी राज्य द्वारा उनकी आवाज को दबाने का प्रयास है.
गौरतलब है कि पिछले साल 31 दिसंबर को भीमा कोरेगांव में हिंसा हुई थी. यह हिंसा दलितों और सवर्णों के बीच हुई थी. जांच के दौरान पुलिस को कई सबूत मिले जिसमें एक पत्र भी शामिल था जिसमें प्रधानमंत्री मोदी की हत्या का साजिश रचने की जानकारी मिली थी और गिरफ्तार मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का नाम उस मामले से जुड़ा था.