जेटली का वार : राहुल घराने की दूषित सोच ही IL&FS में निवेश को बता सकती है घोटाला

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरूण जेटली ने सोमवार को कहा कि राहुल गांधी घराने की दूषित सोच ही आईएलएंडएफएस में वित्तीय संस्थाओं के निवेश को घोटाला कह सकती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता से कुछ सीख ले लेनी चाहिए. जेटली ने कांग्रेस पार्टी को ‘राष्ट्र को क्षति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 1, 2018 10:28 PM

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरूण जेटली ने सोमवार को कहा कि राहुल गांधी घराने की दूषित सोच ही आईएलएंडएफएस में वित्तीय संस्थाओं के निवेश को घोटाला कह सकती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता से कुछ सीख ले लेनी चाहिए. जेटली ने कांग्रेस पार्टी को ‘राष्ट्र को क्षति पहुंचाने वाला’ संगठन करार दिया. उनके मुताबिक, मुख्य विपक्षी पार्टी कर्ज में डूबी आईएलएंडएफएस से जुड़े घटनाक्रमों के बारे में गलत सूचनाएं फैला रही है.

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वित्त मंत्री ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि याद रखा जाना चाहिए कि साठ-गांठ वाला पूंजीवाद खत्म हो चुका है. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार चुनौतियों को ठोस और पेशेवर तरीके से हल करती है. जेटली ने अपनी इस पोस्ट के साथ कांग्रेस के नेता प्रो केवी थॉमस का एक पत्र भी लगाया है और कहा है कि यह (थामस का) पत्र राहुल और उनके दरबारियों द्वारा उड़ायी जा रही एक एक बात को खारिज करने वाला पत्र है. ऐसे में राहुल गांधी को सलाह दी जा सकती है कि वे प्रो केवी थॉमस से कुछ सीख प्राप्त कर लें.

राहुल गांधी ने आईएलएंडएफएस को एलआईसी की कथित वित्तीय मदद पर रविवार को सवाल उठाया था. कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि क्या प्रधानमंत्री ‘वित्तीय घोटाले’ पसंद करते हैं? जेटली ने सावाल किया कि क्या जब 1987 में सेंट्रल बैंक और यूटीआई ने क्रमश:50.5 फीसदी और 30.5 फीसदी हिस्सेदारी के साथ आईएलएफएस को शुरू किया, तो वह घोटाला था.

2005 में जब एलआईसी ने इसकी 15 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी और 2006 में 11.10 फीसदी का और अधिग्रहण किया तो क्या वह घाटाला था. उन्होंने लिखा है कि वास्तव में एलआईसी ने 2010 में आईएल-एफएस में 19.34 फीसदी हिस्सा और खरीदा. क्या मैं राहुल गांधी घराने की दूषित सोच के अनुसार निवेश के इन सभी कदमों को आज घोटाला बताने लगूं.

आईएल-एफएस इस समय वित्तीय संकट में है और कुछ कर्जों के भुगतान करने में विफल रही है. सरकार ने सोमवार कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएनटी) की अनुमति से इस कंपनी के निदेशक मंडल पर अपने नामित व्यक्तियों को बिठा दिया. सरकार ने कहा है कि वह बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्त पोषण करने वाली इस कंपनी को गिरने नहीं देगी.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस कंपनी को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री पर हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि मोदी जी आपकी पसंदीदा कंपनी आईएल-एफएस का दिवाला पिटने जा रहा है. आप एलआईसी का पैसा लगा कर इसको बचाने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसा क्यों? आप धोखेबाजों को बचाने के लिए एनआईसी का पैसा क्यों लगाना चाहते हैं. उम्मीद है आप के लिए आईएल-एफएस का मतलब है आई-लव-फाइनेंशियल-स्कैम (मुझे वित्तीय घोटाले पसंद हैं).

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