राष्ट्रपति अभिभाषण पर दिखी हिंदी और मोदी की गहरी छाप
नयी दिल्ली: संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में आज राष्ट्रपति के अंग्रेजी के अभिभाषण पर हिंदी में नारों का खूब प्रयोग हुआ और उनमें से कई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छाप साफ नजर आई. राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने जैसे ही अपने अभिभाषण की शुरुआत में संगठित , सुदृढ और आधुनिक भारत की […]
नयी दिल्ली: संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में आज राष्ट्रपति के अंग्रेजी के अभिभाषण पर हिंदी में नारों का खूब प्रयोग हुआ और उनमें से कई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छाप साफ नजर आई.
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने जैसे ही अपने अभिभाषण की शुरुआत में संगठित , सुदृढ और आधुनिक भारत की बात करते हुए ‘‘एक भारत श्रेष्ठ भारत ’’ का जिक्र किया तो उसी के साथ ही नरेन्द्र मोदी द्वारा लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिया गया लोकप्रिय नारा याद आ गया. नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में ‘‘एक भारत श्रेष्ठ भारत ’’ का नारा दिया था जो काफी लोकप्रिय हुआ था.
राष्ट्रपति के अभिभाषण में इस बार पिछली बार के अभिभाषणों के विपरीत कोई शेरो शायरी नहीं थी और न ही महान कवियों की कविताओं का कहीं कोई जिक्र किया गया. इसमें बेहद कम लेकिन ठोस शब्दों में गंभीर संदेश देने पर जोर दिया गया.
इसी प्रकार अभिभाषण में ‘‘सब का साथ , सब का विकास’’ का नारा भी मोदी की छाप लिए हुए था. ‘‘न्यूनतम सरकार , अधिकतम सुशासन’’ के मंत्र पर कार्य करने का नारा भी मोदी का दिया हुआ है.अभिभाषण में आए कुछ नारे, मोदी के चुनावी नारों में भी शामिल रहे हैं जिनमें ‘‘हर हाथ को हुनर, हर खेत को पानी’’ ‘‘हुनरमंद भारत’’ और ‘‘एक सशक्त , आत्मनिर्भर तथा विश्वास से भरपूर’’ भारत का निर्माण करने का नारा शामिल हैं.
राष्ट्रपति द्वारा अपने अंग्रेजी के भाषण में ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’’ जैसे हिंदी के नारे समेत कई ऐसे अन्य हिंदी के नारों का जिक्र किए जाने पर केंद्रीय कक्ष में मौजूद सदस्यों ने जोरदार तरीके से मेजें थपथपा कर इसका स्वागत किया. उल्लेखनीय है कि संसद की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति की ओर से दिया जाने वाला भाषण सरकार की नीतियों का खाका पेश करता है.