सामान्य से कम रहेगा मॉनसून, 93 प्रतिशत बारिश की संभावना

नयी दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि बरसात कम होने की स्थिति में उनका मंत्रालय खडी फसलों को बचाने के लिए डीजल सब्सिडी योजना को लागू करने के लिए जल्द ही एक कैबिनेट नोट पेश करेगा. सिंह ने यह बात ऐसे समय कही है जबकि भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) द्वारा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 9, 2014 5:08 PM

नयी दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि बरसात कम होने की स्थिति में उनका मंत्रालय खडी फसलों को बचाने के लिए डीजल सब्सिडी योजना को लागू करने के लिए जल्द ही एक कैबिनेट नोट पेश करेगा.

सिंह ने यह बात ऐसे समय कही है जबकि भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) द्वारा इस वर्ष सामान्य से कम बरसात होने का अनुमान व्यक्त किया है. जारी की गई दूसरी भविष्यवाणी में भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि दक्षिण पश्चिम मानसून की वर्षा सामान्य की तुलना में 93 प्रतिशत रह सकती है. विभाग ने अल-नीनो प्रभाव की संभावना का भी संकेत दिया है जिसके कारण इस बार मानून के उत्तरार्ध में बरसात कम हो सकती है.

अनियमित बरसात की स्थिति से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों की जानकारी देते हुए सिंह ने कहा, हम किसी भी सूखे की स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. हम सतर्क हैं और सूखा अथवा अपर्याप्त बरसात की स्थिति के कारण किसी असामान्य स्थिति का सामना करने के लिए विभिन्न उपायों पर गंभीरता से काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, हम जल्द ही मंत्रिमंडलीय परिपत्र लायेंगे तथा बरसात की कमी वाले क्षेत्रों में खडी फसल को संरक्षात्मक सिंचाई उपलब्ध कराने के लिए डीजल सब्सिडी स्कीम को लाने के लिए मंजूरी मांगेंगे. सूत्रों ने कहा कि वर्ष 2009 और वर्ष 2012 में सूखा वर्ष के दौरान संप्रग सरकार ने कम बरसात वाले क्षेत्रों के किसानों को 50 प्रतिशत डीजल सब्सिडी की घोषणा की थी. सूत्रों ने कहा कि कृषि मंत्रलय समान योजना पर काम कर रही है.

राधा मोहन सिंह ने कहा कि डीजल सब्सिडी के अलावा उनका मंत्रलय एक ऐसा कैबिनेट नोट बना रहा है जिसके माध्यम से 6 महत्वपूर्ण उपायों पर काफी पहले से ही मंजूरी मांगी जा रही है ताकि किसी राज्य के सूखे की घोषणा करते ही वहां उन उपायों को शीघ्रता से लागू किया जा सके.

अन्य मंत्रिमंडलीय प्रस्ताव में सूखा प्रभावित क्षेत्रों में फसल ऋण का पुनर्निर्धारण और उस पर ब्याज राहत प्रदान करना तथा किसानों को दोबारा बुवाई करने और उन्हें सूखा झेलने की क्षमता वाले बीज किस्मों को खरीदने के लिए विभिन्न योजनाओं के किसानों को आंशिक रुप से क्षतिपूर्ति के बतौर बीज सब्सिडी की सीमा को बढाने जैसे प्रस्ताव शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि मंत्रालय जिन अन्य मंत्रिमंडलीय प्रस्तावों पर काम कर रहा है उनमें राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत बारहमासा बागवानी फसलों के पुनर्जीवन के लिए विशेष योजना को लागू करने, बरसात की कमी वाले राज्यों में त्वरित चारा विकास कार्यक्रम के तहत अतिरिक्त बजट आवंटन तथा सूखा उपशमन उपायों के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) और भरोसेमंद कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन के तहत अतिरिक्त बजट आवंटन जैसे प्रस्ताव शामिल हैं.

सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकारों को संभावित सूखा अथवा अल्प वृष्टि की स्थिति का प्रबंधन करते हुए राष्ट्रीय संकट प्रबंधन योजना से परामर्श करने का मशविरा दिया गया है. कृषि मंत्रालय ने मौसम विभाग के हवाले से कहा है कि इस बार उत्तर पश्चिम भारत में वर्षा 85 प्रतिशत और देश के मध्य भारत में 93 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

उन्होंने कहा कि देश भर के प्रमुख जलाशयों में, दक्षिण भारत को छोडकर जल भंडारण की स्थिति संतोषजनक है. सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही राज्य सरकारों को परामर्श जारी किया है कि वे आपदा योजनाओं के साथ तैयार रहें। सिंह ने कहा, हमने राज्यों को कहा कि वे स्थान विशेष के हिसाब से हस्तक्षेप शुरु करें, आपदा फसल रोपाई के लिए बीजों की उपलब्धता को सुनिश्चित करें तथा सूखे के प्रभाव को कम करने के लिए आरकेवीवाई के 10 प्रतिशत धन को अलग रखें.

वर्षा जल क्षमता का इस्तेमाल करने के लिए राज्य सरकारों को जल संभरण ढांचे का निर्माण करने, नहरों से कूडा निकालकर उसको गहरा बनाने, ट्यूबवेलों को दुरस्त करने, खराब पम्पों को बदलने अथवा उनकी मरम्मत करने और कम पानी की खपत वाले फसलों की खेती को प्रोत्साहित करना जैसे उपाय करने को कहा गया है.

सिंह ने कहा कि इसके अलावा महत्वपूर्ण राज्यों में उनकी तैयारियों का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम को भेजा गया है जबकि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद प्रदेश स्तरीय इंटरफेस बैठकें आयोजित कर रहा है ताकि जिला स्तर की आपात योजनाओं के संचालन को मदद की जा सके. मंत्री ने कहा कि सरकार के पास 1 जून की स्थिति के अनुरुप चावल का दो करोड 6.4 लाख टन और गेहूं का चार करोड 15.8 लाख टन का बफर स्टॉक है.

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