सोहराबुद्दीन मुठभेड़ : सीबीआई ने शाह को आरोपमुक्त करने को चुनौती नहीं देने का किया बचाव
मुंबई : सीबीआई ने बंबई उच्च न्यायालय में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को सोहराबुद्दीन शेख कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में 2014 में आरोप मुक्त करने को चुनौती नहीं देने के अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि यह कदम सोच समझकर उठाया गया था और जायज था. सीबीआई के फैसले पर सवाल करनेवाली दो […]
मुंबई : सीबीआई ने बंबई उच्च न्यायालय में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को सोहराबुद्दीन शेख कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में 2014 में आरोप मुक्त करने को चुनौती नहीं देने के अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि यह कदम सोच समझकर उठाया गया था और जायज था.
सीबीआई के फैसले पर सवाल करनेवाली दो जनहित याचिकाओं को खारिज करने की मांग करते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि ये अर्जियां राजनीतिक तौर पर प्रेरित हैं और प्रचार पाने का तरीका है. याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि सीबीआई ने 2014 में केंद्र में सरकार बदलने पर अमित शाह पर अपना रुख बदल लिया है. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने अदातल को बताया कि सीबीआई ने शाह को आरोपमुक्त करने के निचली अदालत के फैसले और इसको बरकरार रखनेवाले अपीलीय अदालतों के विभिन्न फैसलों का अध्ययन किया था. सिंह ने कहा कि इन आदेशों का अध्ययन करने के बाद हमने फैसला किया कि आरोप मुक्त करने के आदेश को न्यायिक समीक्षा की जरूरत नहीं है इसलिए हमने सोच समझकर शाह को मामले में आरोपमुक्त करने को चुनौती नहीं देने का फैसला किया.
न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और भारती डांगरे की पीठ ने बुधवार को बंबई लॉयर एसोसिएशन (बीएलए) और एक स्थानीय पत्रकार की ओर से दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की. पीठ ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. बीएलए की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि सीबीआई ने अप्रैल 2014 में शहर की विशेष अदालत में शाह की आरोप मुक्त करने की याचिका का विरोध किया था, लेकिन दिसंबर 2014 में शाह के आरोपमुक्त होने पर अपना रुख बदल लिया. जांच एजेंसी ने शाह को प्रमुख षडयंत्रकर्ता बताया था.