उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना में पोलियो की बढ़ायी गयी निगरानी

नयी दिल्ली : स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि पोलियो की दवा की खुराक के कुछ बैच में पोलियो विषाणु टाइप दो होने का पता चलने के बाद उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना में निगरानी बढ़ा दी गयी है. हालांकि मंत्रालय ने इस पर जोर दिया कि देश पोलियो से मुक्त है. मंत्रालय ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2018 7:04 AM

नयी दिल्ली : स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि पोलियो की दवा की खुराक के कुछ बैच में पोलियो विषाणु टाइप दो होने का पता चलने के बाद उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना में निगरानी बढ़ा दी गयी है. हालांकि मंत्रालय ने इस पर जोर दिया कि देश पोलियो से मुक्त है. मंत्रालय ने कहा कि इन इलाकों में पोलियो टीका के विषाणु पर खास नजर रखी जा रही है और मामले की जांच के आदेश दे दिये गये हैं.

मंत्रालय की ओर से यह बयान आने से कुछ ही दिन पहले गाजियाबाद स्थिति दवा फैक्ट्री में बनी पोलियो टीके की खुराक के कुछ बैच में पोलियो विषाणु टाइप दो पाया गया था. मंत्रालय ने कहा कि 2011 के बाद से सीवेज में पोलियो विषाणु के साक्ष्य नहीं मिले हैं और ना ही किसी में इस बीमारी के लक्षण मिले हैं.

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मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘देश अब भी पोलियो से मुक्त है और देश में जनवरी 2011 में पोलियो का अंतिम मामला आने के बाद से अभी तक सात साल से भी ज्यादा समय से यह स्थिति बरकरार है. जैसा कि मीडिया के कुछ धड़े में खबरें आयी हैं, कोई भी बच्चा पोलियो से संक्रमित नहीं हुआ है.” पोलियो के खुराक में जिस पोलिया विषाणु टाइप दो के होने का साक्ष्य मिला है, उसके बारे में सरकार का कहना है कि वह कमजोर विषाणु है और उससे व्यक्ति को लकवा नहीं मारता। यहां तक कि इस विषाणु का अप्रैल 2016 तक टीके में इस्तेमाल होता था.

बयान में कहा गया है कि टीका लगने के बाद यह विषाणु चार से छह सप्ताह के भीतर मल के साथ शरीर से बाहर निकल आता है और मर जाता है. मंत्रालय ने निगरानी दल से कहा है कि वह इन तीन राज्यों में उन सभी बच्चों पर नजर रखे जिन्होंने पोलियो की खुराक ली थी.

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