राज्यों के पास 4.60 रुपये पेट्रोल पर और 3.30 रुपये डीजल पर घटाने की है गुंजाइश
मुंबई : पेट्रोल-डीजल की उच्च कीमतों से राज्यों के राजस्व में अप्रत्याशित तेजी आयी है. इस लिहाज से उनके पास केंद्र के कीमतों में कटौती के सुझाव का पालन करने पर राजस्व पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा. विशेषज्ञों ने कहा कि कि सरकार के कीमतों में कटौती के कदम का तेल विपणन कंपनियों पर नकारात्मक […]
मुंबई : पेट्रोल-डीजल की उच्च कीमतों से राज्यों के राजस्व में अप्रत्याशित तेजी आयी है. इस लिहाज से उनके पास केंद्र के कीमतों में कटौती के सुझाव का पालन करने पर राजस्व पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा.
विशेषज्ञों ने कहा कि कि सरकार के कीमतों में कटौती के कदम का तेल विपणन कंपनियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. एसबीआइ रिसर्च ने अपने नोट में कहा कि राज्य राजस्व को प्रभावित किये बिना पेट्रोल पर 4.60 रुपये और डीजल पर 3.30 रुपये प्रति लीटर तक कटौती कर सकते हैं. उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए केंद्र ने डीजल-पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में 1.50 रुपये की कमी की है.
पेट्रोलियम का रिटेल काम करनेवाली सरकारी कंपनियों को इन ईंधनों का भाव एक-एक रुपये प्रति लीटर कम करने और उसका बोझ खुद वहन करने के लिए कहा गया है. एसबीआइ रिसर्च ने कहा कि ईंधन की उच्च कीमतों के चलते राज्यों को 13,000 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है. इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने कहा कि केंद्र द्वारा कीमतों में कटौती से मुख्य मुद्रास्फीति से 0.09 प्रतिशत की कमी आयेगी. जबकि राज्य सरकारों द्वारा इसी तरह का कदम उठाने से इसमें 0.16 प्रतिशत तक की गिरावट हो सकती है.