नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में 29 अक्तूबर से राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद की विवादित जमीन के मालिकाना हक को लेकर मुकदमे की नियमित सुनवाई शुरू होने से पहले राम मंदिर के निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद की उच्चाधिकार परिषद की बैठक यहां शुक्रवार को हुई. बैठक में राममंदिर आंदोलन तेज करने की बात कही गयी.
बैठक में संतों ने संतों ने कहा कि केंद्र सरकार 31 जनवरी तक मंदिर निर्माण का रास्ता तलाशे. इसके अलावा संतों ने राम मंदिर के निर्माण पर केंद्र सरकार से अध्यादेश लाने के लिए दबाव बनाने का फैसला लिया. संतों ने आगाह किया कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर का निर्माण नहीं होता है, तो केंद्र में सत्तारूढ़भाजपा चुनाव हार सकती है.
बैठक के बाद संतों का एक प्रतिनिधिमंडल महंत नृत्य गोपाल दास के नेतृत्व में शाम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मिला और एक ज्ञापन भी सौंपा. ज्ञापन में कहा गया है कि महामहिम केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार को कहें कि वह कानून बनाकर राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त करे. महंत नृत्य गोपाल दासनेकहा कि राष्ट्रपतिने आश्वासान दिया कि वह इस मामले में उचित कदम उठायेंगे.
संतों ने कहा कि वे अक्तूबर माह में सभी राज्यों के राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन देंगे. नवंबर में सांसदों को राम मंदिर पर कानून के लिए उनका घेराव करेंगे. दिसंबर में मंदिर, मठों, गुरुद्वारों में बैठके होंगी और अगर संसद में कानून नहीं बना, तो कारसेवा शुरू होगी. संतों ने कहा कि कोर्ट में लंबित एससी/एसटी एक्ट पर केंद्र सरकार संसद से कानून बना सकती है, तीन तलाक बिल पर अध्यादेश ला सकती है, तो राम मंदिर के निर्माण के लिए ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता. बैठक में देश भर के 40 प्रमुख संत शामिल हुए.