बेअसर रही अमेरिकी चेतावनी, रूस से मिसाइल समझौता पक्का, रक्षा समेत आठ मुद्दों पर बनी बात
नयी दिल्ली : अमेरिकी चेतावनी को दरकिनार कर भारत ने रूस के साथ पांच अरब डॉलर के एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की डील को शुक्रवार को अमली जामा पहनाया. इसके तहत भारत रूस से मिसाइल डिफेंस सिस्टम के पांच सेट खरीदेगा. एस-400 चार सौ किलोमीटर तक मार कर सकता है. यह फायर एंड फॉरगेट नीति […]
नयी दिल्ली : अमेरिकी चेतावनी को दरकिनार कर भारत ने रूस के साथ पांच अरब डॉलर के एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की डील को शुक्रवार को अमली जामा पहनाया. इसके तहत भारत रूस से मिसाइल डिफेंस सिस्टम के पांच सेट खरीदेगा. एस-400 चार सौ किलोमीटर तक मार कर सकता है. यह फायर एंड फॉरगेट नीति पर काम करता है.
यह एक ही राउंड में 36 वार करने में सक्षम है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की द्विपक्षीय वार्ता के बाद इस डील पर दस्तखत किये गये. पुतिन के दौरे से ठीक पहले अमेरिका ने चेताया था कि रूस के साथ यह खास सौदा करनेवाले राष्ट्रों के खिलाफ वह दंडात्मक प्रतिबंध लगायेगा.
पिछले साल अगस्त में रूस के खिलाफ अमेरिका द्वारा ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन एक्ट’ लगाने के बाद रूस के साथ भारत का यह पहला रक्षा करार है. इससे पहले 19वें भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में मोदी व पुतिन ने रक्षा, आतंक निरोध, ऊर्जा और अंतरिक्ष सहित अहम क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने के तरीकोंप्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद दोनों देशों ने अंतरिक्ष मिशन परियोजना गगनयान, रक्षा, परमाणु ऊर्जा, रेलवे व अन्य क्षेत्रों में सहयोग को लेकर आठ करार किये.
इसके अलावा दोनों देशों के बीच रूबल रुपया डील, हाइ स्पीड रशियन ट्रेन, टैंक रिकवरी व्हीकल, रोड बिल्डिंग इन इंडिया, ऑपरेशन ऑन रेलवे, सर्फेस रेलवे, एंड मेट्रो रेल पर भी बात हुई. आतंकवाद, अफगानिस्तान एंड इंडो पेसेफिक इवेंट, क्लाइमेट चेंज के साथ एससीओ, ब्रिक्स, जी20, और असियान जैसे संगठनों को लेकर भी चर्चा की. पुतिन ने ब्लाडिवोस्टक फोरम के लिए पीएम मोदी को न्योता भी दिया.
रूस के आग्रह पर पुतिन का औपचारिक रिसेप्शन नहीं : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिन के भारत दौरे के बाद शुक्रवार शाम को मॉस्को के लिए रवाना हो गये. खास बात यह रही कि राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत नहीं किया गया. दरअसल, पुतिन अपने व्यस्त शेड्यूल में पीएम मोदी के साथ चर्चा के लिए ज्यादा समय चाहते थे इसलिए सरकारी आयोजनों से बचने का तरीका अपनाया गया.
डील के बाद बदले अमेरिका के तेवर, कहा : प्रतिबंधों का मकसद भारत को नुकसान पहुंचाना नहीं : अमेरिका ने तेवर नरम करते हुए कहा कि उसकी ओर से लगाये जानेवाले प्रतिबंध वास्तव में रूस को दंडित करने के लिए हैं. दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने साफ कहा कि यूएस प्रतिबंधों का मकसद हमारे सहयोगी देशों की सैन्य क्षमताओं को नुकसान पहुंचाना नहीं है.
- एक राउंड में करेगा 36 मिसाइलें खत्म
- इसके आगे यूएस मिसाइल सिस्टम थाड भी कमजोर
- जमीन से हवा में मार करने वाले सिस्टम से लैस, रेंज 400 किमी और ऊंचाई 30 िकलोमीटर
- पांच मिनट में हमला, 100 टारगेट पर एक साथ निशाना, चीन-पाक का एक साथ निबटारा
- अलग-अलग काम करने वाले कई राडार, एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम, लॉन्चर, कमांड और कंट्रोल सेंटर एक साथ
यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी रियायत या छूट पर विचार हर ट्रांजेक्शन के आधार पर होगा. इसका पहले ही अनुमान नहीं लगाया जा सकता है. दूतावास प्रवक्ता के मुताबिक, हमारे कानून की मंशा रूस को उसकी गलतियों के लिए दंडित करना है और इसके लिए रूसी रक्षा क्षेत्र को जा रहे धन को रोकने का प्रयास है.
देश को क्यों है इसकी जरूरत : एस-400 देश के लिए एक ‘बूस्टर शॉट’ जैसा होगा. भारत को पड़ोसी देशों के खतरे से निबटने के लिए इसकी खासी जरूरत है. पाकिस्तान के पास अपग्रेडेड एफ-16 से लैस 20 फाइटर स्क्वैड्रन्स हैं. इसके अलावा चीन से मिले जे-17 भी बड़ी संख्या में हैं. वहीं चीन के पास 1,700 फाइटर है, जिनमें 800 4-जेनरेशन फाइटर शामिल हैं.
चीन पहला देश है, जिसने इस डिफेंस सिस्टम को खरीदा था. एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है, जो दुश्मन के एयरक्राफ्ट को आसमान से गिरा सकता है. यह एक ही राउंड में 36 वार करने में सक्षम है. एस-400 को रूस का सबसे एडवांस लॉन्ग रेंज सर्फेस-टु-एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम माना जाता है. यह दुश्मन के क्रूज, एयरक्राफ्ट और बलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है.
एस-400 : $05 अरब की डील, भारत की बढ़ेगी ताकत
मानव संसाधन से लेकर नेचुरल रिसॉर्सेज तक, व्यापार से लेकर निवेश तक, टेक्नोलॉजी से टाइगर कंजर्वेशन तक, सागर से अंतरिक्ष तक भारत और रूस के संबंधों का और भी विशाल विस्तार होगा.
-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत
मैं भारतीय पीएम को भारत-रूस के बीच इस तरह के महत्वपूर्ण मुद्दों पर द्विपक्षीय बातचीत के आयोजन के लिए धन्यवाद देता हूं. इस दोस्ती से रूस काफी खुश है, मैं पीएम मोदी को रूस आने का आमंत्रण देता हूं. भारत के साथ हमारा पुराना और मजबूत रिश्ता है.
-व्लादिमीर पुतिन, राष्ट्रपति, रूस