मुरैना : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा नीत सरकार पर देश के कुछ अमीर लोगों के हित में काम करने का आरोप लगाते हुए यहां कहा कि सरकार किसानों और समाज के अन्य कमजोर लोगों के हितों को नजरअंदाज कर रही है. इसके साथ ही, उन्होंने फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमान सौदे के मुद्दे को फिर उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा.
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यहां अंबेडकर स्टेडियम में आदिवासी एकता परिषद के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आने पर आदिवासी अधिकार विधेयक लागू किया जायेगा. इन तीनों राज्यों में नवंबर और दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. गांधी ने सरकार से सवाल किया कि यदि आप अमीरों की मदद करना चाहते हैं तो करें, लेकिन इसके साथ ही किसानों और समाज के गरीब तबकों की भी सहायता करें. यदि अमीरों के तीन लाख करोड़ रुपये माफ किये जा सकते हैं, तो किसानों और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को भी इस प्रकार की राहत क्यों नहीं दी जा सकती.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आदिवासी विधेयक आपको कोई तोहफा नहीं है, बल्कि यह आपका अधिकार है. आदिवासी लोगों को जमीन, पानी और जंगल पर उनका अधिकार अवश्यक मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के कार्यकाल में अनुसूचित जाति एवं अन्य पारंपरिक वन निवासी अधिनियम, 2006 पारित किया गया, जो एक प्रमुख वन कानून है.
गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर भूमि अधिग्रहण विधेयक और पंचायती राज को कमजोर करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कोई भी निर्णय लेने से पहले हम सोचते हैं कि यह गरीबों के हित में होना चाहिए, जबकि भाजपा ऐसा नहीं सोचती. उन्होंने कहा कि यदि फैसला गरीबों को नुकसान पहुंचाने वाला होगा, तो मैं उसे लागू नहीं करूंगा. वहीं, भाजपा अमीरों को फायदा पहुंचाने के बारे में सोचती है और यदि फैसला अमीरों को फायदा पहुंचाने वाला होता है, तो भाजपा उस पर आगे बढ़ती है.
उन्होंने कहा कि वह लोगों से जो वादा करते हैं उसे हमेशा पूरा करते हैं. उन्होंने कहा कि मैं 2004 से राजनीति में हूं और आप मेरे भाषण देख सकते हैं. 15 लाख रुपये आपके बैंक खाते में जमा कराने जैसा एक भी वादा बता दें, जो मैंने कभी किसी भाषण में किया हो. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सत्ता आने पर मैंने किसानों का कर्जा माफ करने का वादा किया था. वहां नयी सरकार बनते ही मुख्यमंत्री ने इसे पूरा कर दिया है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश को पंचायती राज दिया, क्योंकि कांग्रेस का मानना है कि शक्ति, पंचायत में होना चाहिए. पंचायतों में ही आपको अधिकार मिलना चाहिए. मनरेगा को देखें, मनरेगा की पूरी की पूरी शक्ति पंचायत में थी. जिन लोगों को आप चुनते थे, वही पंचायत प्रधान निर्णय लेते थे. कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी की सरकार आयी और उसने पंचायतों को कमजोर किया. उनकी सोच है कि अधिकारी इस काम (मनरेगा) को चलायें. जो भी अधिकार हमने आपको दिये थे, वह चाहे मनरेगा हो या भोजन का अधिकार हो, हमने उसे पंचायत के माध्यम से चलाने का फैसला किया, जबकि भाजपा के लोगों ने पंचायती राज के ढांचे पर ही पूरे देश में आक्रमण करना शुरू कर दिया.
उन्होंने कहा कि मनरेगा भाजपा भी चलाती है, लेकिन पंचायत के माध्यम से नहीं, भाजपा अफसरों से मनरेगा चलाती है. अफसर मनरेगा को नहीं चलाना चाहते, इसलिए वो सही से पैसा भी नहीं भेजते हैं और नरेंद्र मोदी जी ने इसका बजट भी कम कर दिया. इसलिए आप देखें, मनरेगा या भोजन का अधिकार केवल नाम का रह गया है और एक के बाद एक जो अधिकार हमने आपको दिये थे, उनको छीना जा रहा है.
उन्होंने सवाल किया कि मनरेगा चलाने के लिए कांग्रेस को 35,000 करोड रुपये लगे थे, लेकिन अकेला नीरव मोदी हिंदुस्तान के बैंक से 35,000 करोड़ रुपये चोरी करके भाग गया और उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. दूसरा उदाहरण विजय माल्या का है, वह बैंक का 10,000 करोड़ रुपया लेकर विदेश भाग जाता है. राफेल लड़ाकू विमान सौदे में अपने आरोप को दोहराते हुए गांधी ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान फ्रांस के साथ किया गया रॉफेल विमान सौदा प्रधानमंत्री मोदी ने रद्द कर महंगी कीमतों पर हवाई जहाज खरीदने का नया सौदा किया.
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को यह सौदा देने के बजाय अपने मित्र अनिल अंबानी को दिलाया. केंद्र की भाजपा नीत एनडीए सरकार 58,000 करोड़ रुपये के राफेल सौदे में किसी भी गड़बड़ी होने से लगातार इंकार कर रही है. अंबानी ने भी गांधी के आरोपों का खंडन करते हुए इस बात पर जोर दिया है कि फ्रांसीसी कंपनी रॉफेल द्वारा आफसेट सहयोगी के तौर पर उनकी कंपनी के चयन में सरकार की कोई भूमिका नहीं है.