नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दाखिल एयरसेल-मैक्सिस मामले में सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से दिया गया अंतरिम संरक्षण एक नवंबर तक बढ़ा दिया. विशेष सीबीआई जज ओ पी सैनी ने मामले की अगली सुनवाई के लिए एक नवंबर की तारीख उस वक्त तय की जब सीबीआई और ईडी की तरफ से पेश हुए वकीलों ने इस मामले में स्थगन की मांग की.
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सीबीआई के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) तुषार मेहता और ईडी के वकील नितेश राणा ने अदालत को बताया कि चिदंबरम के वकीलों पी के दुबे और अर्शदीप सिंह के जरिए दाखिल अर्जियों पर विस्तृत जवाब दाखिल करने और उन पर बहस करने के लिए एजेंसियों को वक्त की जरूरत है. बीते 19 जुलाई को सीबीआई की ओर से दाखिल आरोप-पत्र में चिदंबरम और उनके बेटे को नामजद किया गया था. एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश के समक्ष पूरक आरोप-पत्र दाखिल किया जिस पर अगली सुनवाई के दिन विचार किया जाएगा.
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सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि 2006 में वित्त मंत्री के पद पर रहते हुए चिदंबरम ने कैसे एक विदेशी कंपनी को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिला दी जबकि सिर्फ कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति को ऐसा करने का अधिकार था. 3,500 करोड़ रुपए के एयरसेल-मैक्सिस करार और 305 करोड़ रुपए के आईएनएक्स मीडिया मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम की भूमिका जांच एजेंसियों की छानबीन के दायरे में है.