लोकसभा में चर्चा के दौरान आया ”गाइड” फिल्म का नाम

-इंटरनेट डेस्क-नयी दिल्ली : आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा की शुरुआत करते हुए बिहार, सारण से भाजपा सांसद राजीव प्रताप रुडी ने कहा कि हमारी सरकार को जनता ने बहुमत दिलाया है. आज देश नरेंद्र मोदी सरकार को बहुत उम्मीदों से देख रहा है, ऐसे में उनकी हमसे जो उम्मीदें हैं हम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2014 12:24 PM

-इंटरनेट डेस्क-

नयी दिल्ली : आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा की शुरुआत करते हुए बिहार, सारण से भाजपा सांसद राजीव प्रताप रुडी ने कहा कि हमारी सरकार को जनता ने बहुमत दिलाया है. आज देश नरेंद्र मोदी सरकार को बहुत उम्मीदों से देख रहा है, ऐसे में उनकी हमसे जो उम्मीदें हैं हम उन्हें जरूर पूरा करेंगे.

राष्ट्रपति के अभिभाषण में जनता को जो सपने दिखाये गये हैं वे सभी पूरे होंगे, अपनी बातों को मजबूती देने के लिए राजीव प्रताप रुडी ने देव आनंद की फिल्म गाइड का जिक्र किया. उन्होंने फिल्म की क्लाइमेक्स का जिक्र करते हुए बताया कि किस प्रकार जब अकाल पड़ने पर फिल्म में उपवास रखा और जब इस बात की चर्चा दूर-दूर तक होने लगी कि फलां गांव में एक महात्मा हैं, जिन्होंने बारिश कराने के लिए उपवास रखा है, तो एक विदेशी जर्नलिस्ट उनका साक्षात्कार लेने आयीं और उनसे पूछा कि क्या आपको लगता है कि बारिश होगी, तो उन्होंने कहा कि जब इतने लोगों को उम्मीद है कि बारिश होगी, तो निश्चय बारिश होगी.
देखें फिल्म का वह दृश्य

फिल्म में अभिनेता देव आनंद लोगों की उम्मीद को बनाये रखने के लिए उपवास करते हैं और उनकी मौत होते ही बारिश शुरू हो जाती है. राजीव प्रताप रूडी ने इस बात का जिक्र इसलिए किया कि मोदी को जनता ने काफी उम्मीदों से वोट दिया है और वे जरूर उन उम्मीदों पर खरे उतरेंगे.

60 के दशक में रिलीज हुई देव आनंद की फिल्म गाइड काफी चर्चित हुई थी. आरके नारायणन की कहानी पर आधारित इस फिल्म के निर्देशक विजय आनंद हैं. इस फिल्म में मुख्य भूमिका देव आनंद और वहीदा रहमान ने निभाई है. इस फिल्म में देव आनंद एक गाइड की भूमिका में हैं, जिनका एक विवाहित महिला वहीदा रहमान से प्रेमसंबंध है. वहीदा रहमान ने एक नृत्यांगना की भूमिका निभाई है.

उसे स्थापित करने के लिए देव आनंद ने अपना घर तक छोड़ दिया है, लेकिन बाद में हीरो-हीरोइन के बीच मतभेद हो जाता है और हीरो को जालसाजी के आरोप में जेल जाना पड़ता है. जेल से निकलने के बाद वह एक गांव में जाकर रहने लगता है, जहां के लोग उसे बढ़ी हुई दाढ़ी और चादर के साथ साधु घोषित कर देते हैं. यहां रहते-रहते लोगों की श्रद्धा और विश्वास के बीच नायक का परमात्मा से साक्षात्कार होता है.

Next Article

Exit mobile version