नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से उस याचिका पर जवाब तलब किया, जिसमें अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए त्रिपुरा में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने की मांग की गयी है. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने त्रिपुरा पीपुल्स फ्रंट (टीपीएफ) की ओर से दायर याचिका पर विचार किया.
इसे भी पढ़ें : एनआरसी मामला : 25 मार्च, 1971 के पहले से असम में रह रहे लोग ही भारतीय
याचिका में अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए एनआरसी में त्रिपुरा के नागरिकों के पंजीकरण की मांग की गयी है. राज्य के एक संगठन दोफा योकसामा बोडोल ने भी इस मुद्दे पर इसी तरह की याचिका दायर की है. केंद्र सरकार ने 30 जुलाई को असम में एनआरसी सूची का दूसरा मसौदा प्रकाशित किया था, जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम शामिल किये गये.
असम के लिए एनआरसी का पहला मसौदा बीते 31 दिसंबर और एक जनवरी की दरमियानी रात प्रकाशित किया गया था. याचिका में दावा किया गया है कि बांग्लादेश से त्रिपुरा में अवैध प्रवासियों के काफी संख्या में आने से राज्य में बड़ा जनसांख्यिकीय परिवर्तन हुआ है.