शिवपुरी (मध्यप्रदेश) : असम सहित देश में घुसपैठियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को लेकर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि वर्ष 2018-19 में होनेवाले चुनाव जीतने के बाद देश भर में घुसपैठियों को चुन-चुन कर निकालने का काम भाजपा सरकार करनेवाली है.
भाजपा को देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं भारतीयों के अधिकारों का पक्षधर बताते हुए शाह ने यहां पोलो ग्राउंड में ग्वालियर एवं चंबल संभाग के नौ जिलों के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, अभी असम में हमारी सरकार राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लेकर आयी, जो घुसपैठियों की पहचान करता है. आप मुझे बताओ देश में से घुसपैठियों को निकालना चाहिए या नहीं. उन्होंने कहा, वर्ष 1970 से हम मांग कर रहे हैं कि घुसपैठिये निकलने चाहिए. जब एनआरसी लेकर आये, 40 लाख लोग प्रथम सूची में चिह्नित हो गये. उनको निकालने का रास्ता धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए शाह ने कहा, कांग्रेस के राहुल बाबा एंड कंपनी पूरी संसद के अंदर हाय तौबा मचा रही है. मार डाला, क्यों निकाल रहे हो, क्या खायेंगे, इनके मानवाधिकार का क्या होगा. जैसे उनकी नानी मर गयी हो.
उन्होंने कहा, मैं राहुल बाबा एंड कंपनी, सपा, बसपा एवं तृणमूल कांग्रेस को पूछना चाहता हूं कि आपको इनके मानवाधिकार का ख्याल है. ये घुसपैठिये देश में बम धमाके करते हैं. मेरे देश के निर्दोष लोगों की हत्याएं इन्होंने की. उनके मानवाधिकार का विचार आपको नहीं है. मेरे देश के बेरोजगाकर युवा का रोजगार ये घुसपैठिये ले जाते हैं.’ शाह ने कहा, आपको (राहुल) घुसपैठिये में वोट बैंक की चिंता लगती है. मगर राहुल बाबा जितनी हाय तौबा करनी है कर लो. मैं कहता हूं वर्ष 2018-19 में चुनाव जीतने के बाद भाजपा सरकार देश भर में घुसपैठियों को चुन-चुन कर निकालने का काम भाजपा सरकार करनेवाली है. आप उन्हें रोक नहीं सकते.
राहुल पर हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा, आपके (कांग्रेस) शासन के अंदर देश में करोड़ों घुसपैठिये घुस गये, जो देश को दीमक की तरफ चाट गये. ये ज्यादा नहीं चलेगा. उन्होंने कहा, भाजपा का शासन है कश्मीर से कन्याकुमारी तक, गुजरात से असम तक. घुसपैठियों को चुन-चुन कर बाहर निकालने का काम भाजपा करेगी. शाह ने कार्यकर्ताओं से सवाल किया, मित्रों, ये करना चाहिए या नहीं. इस पर जवाब देते हुए वहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने कहा, ‘हां’. शाह ने कहा कि कांग्रेस को अपने वचन याद नहीं रहते हैं. भारतीय सेना का जवान 70 साल से ‘वन रैंक, वन पेंशन’ (ओआरओपी) की मांग करता था. भाजपा सरकार के आने के बाद एक ही साल में सेना के जवानों को 10,000 करोड़ रुपये का ओआरओपी दे दिया गया.