नयी दिल्ली/जयपुर : स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को लोगों से अपील की कि वे जीका वायरस को लेकर नहीं घबरायें. इसके साथ ही मंत्रालय ने आश्वासन दिया कि जीका वायरस का प्रसार नियंत्रण में है. इससे पहले राजस्थान के जयपुर में इस बीमारी से 29 लोगों के पीड़ित होने की पुष्टि हुई है.
राजस्थान के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) वीनू गुप्ता ने जयपुर में संवाददाताओं से कहा कि शहर में अब तक तीन गर्भवती महिलाओं समेत 29 लोगों को जीका वायरस का संक्रमण होने की पुष्टि हुई है तथा वायरस का प्रकोप रोकने के प्रयास जारी हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, हमारे मजबूत निगरानी तंत्र की वजह से जीका के मामलों की पहचान कर ली गयी है. हमारी निगरानी बहुत मजबूत है और ऐसे सभी मामलों की पहचान हो गयी है. हमारे मानक प्रोटोकॉल हैं और डब्ल्यूएचओ के साथ साझेदारी में हम उन मामलों को फॉलो करके देखते हैं कि मामला इकलौता है या किसी से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा, आईसीएमआर, डीजीएचएस लगातार मौजूदा हालात पर नजर रख रहे हैं. मैं भारत के नागरिकों को आश्वासन देना चाहता हूं कि सबकुछ नियंत्रण में है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है.
गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के कई दलों ने प्रभावित शास्त्री नगर क्षेत्र में घरों में सर्वेक्षण किया है. अधिकारियों ने फॉगिंग करायी. राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि 168 गर्भवती महिलाओं समेत 450 लोगों के नमूने जांच के लिए लिये गये जिनमें से 29 में जीका वायरस के होने की पुष्टि हुई. गुप्ता ने कहा कि एहतियातन कदम के तौर पर राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कॉलेजों और मुख्य चिकित्सा तथा स्वास्थ्य अधिकारियों को जरूरी कदम उठाने को कहा है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोमवार को जीका वायरस के फैलने के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय से एक रिपोर्ट मांगी थी. मंत्रालय के अनुसार इस रोग के नियंत्रण और रोकथाम उपायों में राज्य सरकार की मदद के लिए सात सदस्यीय एक उच्चस्तरीय केंद्रीय टीम जयपुर में है. स्थिति की नियमित निगरानी के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) में एक नियंत्रण कक्ष शुरू किया गया है.
जयपुर में प्रभावित लोगों में से एक बिहार से है और वह हाल ही में सीवान स्थित अपने घर गया था. इसको देखते हुए बिहार ने अपने सभी 38 जिलों में परामर्श जारी कर जीका वायरस संक्रमण जैसे लक्षणवाले लोगों पर करीबी नजर रखने को कहा है. सभी संदिग्ध मामलों की जांच की जा रही है और मच्छरों के नमूने लिये जा रहे हैं. प्रयोगशालाओं को अतिरिक्त जांच किट मुहैया कराये गये हैं. अधिकारी ने बताया कि संबंधित क्षेत्र में सभी गर्भवती माताओं की निगरानी की जा रही है और राज्य सरकार के नियमों के अनुसार क्षेत्र में जरूरी उपाय किये जा रहे हैं. मच्छरों से पैदा हुए जीका वायरस रोग के लक्षण अन्य वायरल संक्रमण जैसे डेंगू आदि के समान हैं. इसके लक्षणों में बुखार, त्वचा पर चकत्ते, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, सिरदर्द आदि शामिल हैं.
रत में पहली बार यह बीमारी जनवरी-फरवरी 2017 में अहमदाबाद में फैली. दूसरी बार 2017 में यह बीमारी तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले में पायी गयी. दोनों ही मामलों में सघन निगरानी और प्रबंधन के जरिए इस पर सफलतापूर्वक काबू पा लिया गया. यह बीमारी स्वास्थ्य मंत्रालय के निगरानी रडार पर है. हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन की अधिसूचना के अनुसार 18 नवंबर, 2016 से इसके संबंध में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता की स्थिति नहीं है.