आ रही नौकरियों की बहार, बैंक ऑफ इंडिया में 4,500 नयी भर्तियां

-सार्वजनिक व निजी क्षेत्रों के नियोक्ताओं की बदली धारणा -कारोबारी मुनाफा बढ़ने से नियुक्तियों में भी होगा इजाफा -निजी कंपनियों में भी तीन महीने में होंगी हजारों नियुक्तियां जयपुरः बैंक ऑफ इंडिया (बीओआइ) वित्त वर्ष 2014-15 में 4,500 नयी भर्तियां करेगा. इनमें से 2,000 पद अधिकारी वर्ग के जबकि शेष 2,500 पदों पर लिपिकों और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2014 6:06 AM

-सार्वजनिक व निजी क्षेत्रों के नियोक्ताओं की बदली धारणा

-कारोबारी मुनाफा बढ़ने से नियुक्तियों में भी होगा इजाफा

-निजी कंपनियों में भी तीन महीने में होंगी हजारों नियुक्तियां

जयपुरः बैंक ऑफ इंडिया (बीओआइ) वित्त वर्ष 2014-15 में 4,500 नयी भर्तियां करेगा. इनमें से 2,000 पद अधिकारी वर्ग के जबकि शेष 2,500 पदों पर लिपिकों और अन्य कर्मचारियों की भर्ती की जायेगी.

बैंक की चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक वीआर अय्यर ने कहा कि बैंक ने 31 मार्च, 2014 तक 8 लाख 53 हजार करोड़ का कुल कारोबार किया है और बैंक की कुल जमा 4 लाख 77 हजार करोड़ रुपये है. बैंक ने 3 लाख 76 हजार करोड़के ऋण दिये हैं. उन्होंने बताया कि फिलहाल बैंक की 4,628 शाखाएं हैं और मार्च 2015 तक बैंक का इरादा 500 नयी शाखाएं खोलने का है. साथ ही देश में बैंक एटीएम की संख्या मौजूदा 4,665 को बढ़ा कर 8,000 की जायेगी. अय्यर ने बताया कि राजस्थान में बैंक की 125 शाखाएं हैं.

निजी क्षेत्रों में भी होगी बहाली

नयी दिल्ली. कारोबारी धारणा में सुधार से उत्साहित भारतीय कंपनियों ने अगले तीन महीने में विश्व भर में जबरदस्त नियुक्तियों की योजना बनायी है. मंगलवार को जारी मैन पॉवर एंप्लायमेंट आउटलुक सर्वे के मुताबिक, एक स्थायी सरकार बनने से कारोबारी धारणा में सुधार की उम्मीद में कई क्षेत्रों में नियुक्ति गतिविधियों में तेजी आ रही है. सर्वेक्षण में 5,389 नियोक्ताओं में से ज्यादातर ने जुलाई-सितंबर अवधि में युद्ध स्तर पर नियुक्ति की योजना बनायी है. नियुक्ति परिदृश्य पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले अगले तीन महीने 46 प्रतिशत अधिक रहने का अनुमान है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि नियोक्ताओं द्वारा विश्व में सबसे मजबूत नियुक्ति की योजनाएं भारत, ताइवान, तुर्की, न्यूजीलैंड और सिंगापुर के लिए हैं. वहीं, सबसे कमजोर नियुक्ति योजनाएं इटली, बेल्जियम, फ्रांस और नीदरलैंड में नियोक्ताओं की हैं. मानव संसाधन सेवा प्रदाता मैन पॉवर के मुताबिक, लोक प्रशासन व शिक्षा क्षेत्र के नियोक्ता नियुक्ति योजनाओं को लेकर सबसे अधिक आशावादी हैं, जबकि दूसरे नंबर पर थोक व खुदरा व्यापार क्षेत्र के नियोक्ता आते हैं.

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