ऋषिकेश/हरिद्वार : गंगा नदी के संरक्षण को लेकर पिछले 111 दिनों से अनशन कर रहे जाने-माने पर्यावरणविद प्रोफेसर जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद का गुरुवार दोपहर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वह 86 वर्ष के थे.
ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ रविकांत ने बताया कि स्वामी सानंद ने आज दोपहर यहां संस्थान में अंतिम सांस ली. उन्होंने बताया कि स्वामी सानंद ने अपना शरीर एम्स ऋषिकेश के चिकित्सा शिक्षा के छात्रों के उपयोग के लिए दान कर दिया था.
हरिद्वार स्थित मातृ सदन में पिछले 22 जून से अनशन कर रहे स्वामी सानंद के बुधवार को जल त्यागने के बाद प्रशासन ने उन्हें ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया था. हरिद्वार जिला प्रशासन ने उनके आश्रम परिसर के चारों ओर धारा 144 लगाकर उन्हें कल जबरन उठा कर एम्स में भर्ती करा दिया था. डॉ रविकांत ने बताया कि आज दोपहर स्वामी सानंद को दिल का दौरा पड़ा और काफी कोशिश के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका.
उन्होंने बताया कि स्वामी सानन्द को उच्च रक्तचाप, हर्निया के साथ-साथ कोरोनरी आर्टरी रोग भी था तथा अनशन के कारण उनकी सेहत और बिगड़ गयी थी. गौरतलब है कि इससे पहले, केंद्र सरकार की ओर से आश्वासन लेकर पहुंचे हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के अनशन तोडने के अनुरोध को उन्होंने ठुकरा दिया था.
इस बीच, गंगा संरक्षण को लेकर स्वामी सानंद के प्राण त्यागने के बाद ‘मातृसदन’ के प्रमुख परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने उनके निधन को हत्या करार दिया है और उनकी मौत की उच्च्स्तरीय जांच की मांग की है. स्वामी सानंद ने नौ सितंबर को घोषणा की थी कि वह अक्तूबर में जल त्याग देंगे, जिसके बाद 11 सितंबर को नेशनल मिशन फॉर गंगा क्लीनिंग के निदेशक ने उनसे वार्ता की और 13 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें समर्थन दिया था.
हरिद्वार स्थित मातृ सदन के संत ज्ञानानन्द से दीक्षा लेने वाले स्वामी सानंद वर्ष 2008 में उस वक्त चर्चा में आये थे, जब वह उत्तरकाशी में मणिकर्णिका घाट पर भागीरथी पर बन रही पनबिजली परियोजनाओं को तत्काल बंद करने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे थे.