कर्नाटक : कुमारस्वामी सरकार में बसपा के एकमात्र मंत्री ने दिया इस्तीफा

बेंगलुरु : कर्नाटक की जनता दल (एस)-कांग्रेस गठबंधन सरकार को झटका देते हुए बसपा के एकमात्र मंत्री एन महेश ने बृहस्पतिवार को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन को उनका समर्थन जारी रहेगा. उनका यह आश्चर्यजनक कदम ऐसे समय आया है जब कुछ दिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2018 10:32 PM

बेंगलुरु : कर्नाटक की जनता दल (एस)-कांग्रेस गठबंधन सरकार को झटका देते हुए बसपा के एकमात्र मंत्री एन महेश ने बृहस्पतिवार को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन को उनका समर्थन जारी रहेगा.

उनका यह आश्चर्यजनक कदम ऐसे समय आया है जब कुछ दिन पहले बसपा प्रमुख मायावती ने विपक्षी एकता के प्रयासों को झटका देते हुए घोषणा की थी कि उनकी पार्टी राजस्थान और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ किसी भी कीमत पर गठबंधन नहीं करेगी. प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री महेश ने मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अपने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र कोल्लेगल पर अधिक ध्यान देने तथा लोकसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी को मजबूत करने के उद्देश्य से पद छोड़ा है. उन्होंने कहा, मेरे निर्वाचन क्षेत्र में मेरे खिलाफ अभियान चल रहा था कि मैंने बेंगलुरु में डेरा डाल लिया है और कोल्लेगल पर ध्यान नहीं दे रहा हूं.

महेश ने कहा कि इसके अलावा लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के आधार को मजबूत करने की आवश्यकता है. बसपा नेता ने कहा कि उन्होंने अभी इस्तीफे के फैसले के बारे में मायावती को सूचित नहीं किया है. उन्होंने कहा, नहीं, अभी मैंने उन्हें सूचित नहीं किया है. मैं मीडिया के सामने आया हूं. अब मैं बहन जी (मायावती) को बताऊंगा. महेश ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि वह उनके इस्तीफे पर विचार करेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य की गठबंधन सरकार को उनका समर्थन जारी रहेगा और तीन लोकसभा तथा दो विधानसभा सीटों के लिए तीन नवंबर को होनेवाले चुनाव में वह जनता दल (एस) के लिए प्रचार करेंगे.

महेश ने कहा, सरकार में किसी के भी खिलाफ मेरे मन में कोई रोष नहीं है. उन्होंने कहा, मंत्री के रूप में मैंने अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किये और समूचे राज्य का भ्रमण किया. यह इस्तीफा पूरी तरह व्यक्तिगत कारणों से है. राज्य में मई में हुआ विधानसभा चुनाव बसपा ने जनता दल (एस) के साथ मिलकर लड़ा था. खंडित जनादेश के बाद जनता दल (एस) और कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए आपस में हाथ मिला लिये थे.

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