नयी दिल्ली : केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को कहा कि उनका मंत्रालय विधि विशेषज्ञों की समिति बनाने की योजना बना रहा है जो ‘मीटू’ अभियान में सामने आये यौन उत्पीड़न के आरोपों को देखेंगे, साथ ही उन्होंने कहा कि वह प्रत्येक शिकायतकर्ता के दर्द और सदमे को समझती हैं.
गांधी ने कहा कि और महिलाओं को आगे आना चाहिए और अपने अनुभव साझा करने चाहिए. उन्होंने कहा, मैं उन सब पर विश्वास करती हूं. मैं प्रत्येक शिकायतकर्ता के दर्द और सदमे को समझती हूं. गांधी ने हालांकि अपने सहयोगी एमजे अकबर पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की. अकबर के साथ काम करनेवाली अनेक महिलाओं ने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये हैं. यौन उत्पीड़न के आरोप विदेश राज्य मंत्री के अलावा फिल्म निर्देशक साजिद खान, अभिनेता आलोक नाथ पर भी हैं और नामों की फेरहिस्त लंबी होती जा रही है. गांधी ने कहा, मी टू अभियान के तहत सामने आये मामलों की पड़ताल के लिए मैं एक कमेटी गठित करने का प्रस्ताव पेश कर रही हूं जिसमें वरिष्ठ न्यायिक और विधि क्षेत्र के लोग शामिल होंगे.
उन्होंने कहा, एक महिला को इस तरह आगे आने में काफी हिम्मत दिखानी पड़ती है. इतने बड़े मामले पिछले 25 वर्ष से दबे हुए थे. प्रश्न यह है कि इतने वर्ष बीत चुके हैं ऐसे में वे यह सब साबित कैसे कर पायेगी कि उन्हें गालियां दी गयीं, उन्हें छुआ गया, नोंचा गया, उनके कपड़े खींचे गये. उन्होंने कहा, पहली चीज जो करनी चाहिए वह यह है कि इन राक्षसों के नाम सामने लाकर उन्हें शर्मसार करना चाहिए. नाम सामने लाने और शर्मसार करने से महिलाओं ने जो दर्द सहा है, वह कुछ कम होगा और दूर तक इसका असर दिखेगा. उन्होंने कहा कि अगला कदम एक समिति बनाना है जो महिलाओं की बात सुने.
गांधी ने कहा कि महिलांए शी बॉक्स के जरिये www.shebox.nic.in शिकायत कर सकती हैं. यहां किसी भी क्षेत्र में काम करनेवाली महिलाएं यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करा सकती हैं. उन्होंने कहा कि शिकायत एमआईएन-डब्ल्यूसीडी@एनआईसीडॉटइन में भी दर्ज करायी जा सकती है. मंत्रालय प्रत्येक मामलों को बारीकी से देखेगा.