नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के इस्तीफे के लिए बढ़ रहे दबाव के बीच विदेश राज्यमंत्री के रविवार को देश लौटने पर यौन उत्पीड़न के आरोपों पर उनका पक्ष जानने के बाद भाजपा के स्पष्ट रूख अपनाने की संभावना है. विदेश राज्य मंत्री अभी नाइजीरिया के दौरे पर हैं. उन्होंने आरोपों पर अब तक अपना जवाब नहीं दिया है. एक तरफ भारतीय जनता पार्टी ने मामले में अब तक खामोशी अख्तियार कर रखी है.
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वहीं, पार्टी सूत्रों का कहना है कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं और लगता नहीं कि मंत्री के तौर पर वह लंबे समय तक पद पर रह पायेंगे. उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेना है. पार्टी के भीतर इस तरह की भी राय है कि चूंकि उनके खिलाफ कोई कानूनी मामला नहीं है और जो आरोप उनके खिलाफ लगे हैं, वो मंत्री बनने से बहुत पहले का है.
सोशल मीडिया पर #मीटू अभियान के जोर पकड़ने के बीच पिछले कुछ दिनों में कई महिलाओं ने उनपर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये हैं. भाजपा ने मामले में चुप्पी साध रखी है, लेकिन अकबर के खिलाफ लगे आरोपों पर कोई रुख अपनाये बिना कुछ महिला मंत्रियों ने #मीटू अभियान को अपना समर्थन दिया है. पार्टी के नेताओं का कहना है कि सबसे पहले अकबर को ही आरोपों पर जवाब देना है.