गौशाला में बना ऑपरेशन थियेटर, गायों की आंखों का हुआ ऑपरेशन
जयपुर : राजस्थान के मंडोर की एक गौशाला में विशेष आॅपरेशन थिएटर बनाकर पांच गायों का मोतियाबिंद का आॅपरेशन किया गया है. इनमें से तीन गाय ठीक से देख पा रही है और आने वाले दिनों में करीब सौ गायों का आॅपरेशन किया जायेगा. देश में पहली बार किसी गौशाला में गायों के आॅपेरशन की […]
जयपुर : राजस्थान के मंडोर की एक गौशाला में विशेष आॅपरेशन थिएटर बनाकर पांच गायों का मोतियाबिंद का आॅपरेशन किया गया है. इनमें से तीन गाय ठीक से देख पा रही है और आने वाले दिनों में करीब सौ गायों का आॅपरेशन किया जायेगा. देश में पहली बार किसी गौशाला में गायों के आॅपेरशन की ऐसी व्यवस्था कीगयी है.
जोधपुर के पास मंडोर में स्थित पन्नालाल गौशाला देश की पहली गौशाला है, जहां यह सुविधा हाल ही में शुरू की गयी है. गौशाला में पिछले महीने पांच गायों के मोतियाबिंद का आॅपरेशन किया गया.
गौशाला प्रबंधन समिति के कोषाध्यक्ष सालगराम टाक ने बताया कि गायों के मोतियाबिंद के आॅपरेशन के लिए विशेष आॅपरेशन थियेटर बनाया गया है. इसमें पिछले माह आयोजित पहले शिविर में राजस्थान पशु चिकित्सा और पशुविज्ञान विश्वविद्यालय (बीकानेर) में नेत्र रोग विभाग के प्रमुख सुरेश कुमार झीरवाल की टीम ने आॅपरेशन किये.
टांक ने बताया कि पहली बार पांच गायों के मोतियाबिंद का आॅपरेशन किया गया, जिनमें से तीन बिल्कुल सही ढंग से देख पा रही हैं.
डॉ झीरवाल ने बताया कि उनकी टीम इससे पहले श्वान, बिल्लियों, खरगोश, बतख तथा कुछ पक्षियों में मोतियाबिंद के आॅपरेशन कर चुकी है, लेकिन गायों में पहली बार इस तरह का आॅपेरशन किसी गौशाला में किया गया है.
उन्होंने बताया कि इस गौशाला में मोतियाबिंद से पीड़ित लगभग 100 और गायों के आॅपरेशन आने वाले दिनों में किये जायेंगे. टांक ने बताया कि गौशाला में दूसरा आॅपरेशन थिएर बनाया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि जोधपुर के पास 50 बीघा में फैली 145 वर्ष पुरानी इस गौशाला में लगभग चार हजार अपंग या बीमार गायों की देखरेख की जा रही है. यहां करीब 700 दृष्टिहीन गाय हैं.
इसके अलावा छह हजार कबूतर भी यहां हैं. गौशाला में 80 कर्मचारी हैं, जो गायों की देखभाल करते हैं.