मुंबई: बदायूं सामूहिक बलात्कार कांड को लेकर देशभर में छाए रोष के बीच महाराष्ट्र के गृहमंत्री आरआर पाटिल ने ऐसे अपराधों पर रोक के मुद्दे पर आज यह टिप्पणी कर विवाद छेड दिया कि हर घर में एक पुलिसकर्मी को तैनात करना असंभव है, जहां ऐसी ज्यादातर घटनाएं होती हैं. पाटिल ने महिलाओं और दलितों के खिलाफ अपराधों पर विधान परिषद में एक चर्चा का जवाब देते हुए कहा, ‘‘घर की चहारदीवारी में महिलाओं के खिलाफ कई अपराध होते हैं. क्या यह संभव है कि हर घर में पुलिसकर्मी हो.’’
उन्होंने कहा, ‘‘बलात्कार की 40 प्रतिशत वारदात को पीडिता के परिचित अंजाम देते हैं. 6. 34 प्रतिशत बलात्कार की वारदात को भाई और पिता अंजाम देते हैं, 6. 65 प्रतिशत वारदात को करीबी रिश्तेदार अंजाम देते हैं और शादी का वादा कर बलात्कार की 40 प्रतिशत घटनाएं अंजाम दी जाती हैं.’’ पाटिल ने जोर देते हुए कहा कि बलात्कार जैसी घटनाएं ‘नैतिक मूल्यों में क्षरण’ होने से बढी हैं.
अपनी टिप्पणी को विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया मिलने पर पाटिल ने कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया और उन्होंने संबद्ध मीडिया संस्थानों के खिलाफ कल विशेषाधिकार हनन का नोटिस देने की धमकी दी. विधान सभा में यह विषय उठाए जाने पर उन्होंने कहा कि जिन मीडिया संस्थानों ने मेरे बयान को तोड मरोड कर पेश किया है उनके खिलाफ मैं एक विशेषाधिकार हनन नोटिस दूंगा. मैं इसे बर्दाश्त नहीं करुंगा.