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तिब्बत में Landslide के बाद ब्रह्मपुत्र का रास्ता रुकने से अरुणाचल में Flood का खतरा, हाई एलर्ट जारी

ईटानगर/नयी दिल्ली : तिब्बत में भूस्खलन होने से ब्रह्मपुत्र नदी का मार्ग अवरुद्ध हो जाने और कृत्रिम झील बनने के बाद अरूणाचल प्रदेश में सियांग/ब्रह्मपुत्र नदी नदी से लगे जिलों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए हाई अलर्ट जारी किया गया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. इससे पहले चीन ने इस […]

ईटानगर/नयी दिल्ली : तिब्बत में भूस्खलन होने से ब्रह्मपुत्र नदी का मार्ग अवरुद्ध हो जाने और कृत्रिम झील बनने के बाद अरूणाचल प्रदेश में सियांग/ब्रह्मपुत्र नदी नदी से लगे जिलों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए हाई अलर्ट जारी किया गया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. इससे पहले चीन ने इस संबंध में भारत को सूचना दी थी. केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बाढ़ का पानी शुक्रवार की रात तक अरुणाचल प्रदेश पहुंच सकता है.

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चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग ने कहा कि बुधवार की सुबह तिब्बत में यलुजंगबू नदी में भूस्खलन के बाद उनके देश ने भारत के साथ ‘आपातकालीन सूचना साझा तंत्र’ को सक्रिय कर दिया. भारतीय अधिकारी ने कहा कि चीन ने हमें बुधवार को भूस्खलन और कृत्रिम झील बनने के बारे में सूचित किया था.

उन्होंने कहा कि पानी शुक्रवार की रात तक अरुणाचल प्रदेश पहुंच जायेगा और बाढ़ के स्तर को पार कर जायेगा. बताया गया है कि भूस्खलन के पीछे ‘प्राकृतिक कारण’ हैं. अधिकारी ने कहा कि सियांग से लगे जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. यलुजंगबू नदी को अरुणाचल प्रदेश में सियांग कहा जाता है, जबकि असम में इसे ब्रह्मपुत्र कहा जाता है.

उधर, भारत और चीन भूस्खलन के कारण तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी की मुख्यधारा के बाधित होने को लेकर नियमित संपर्क में है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि इससे जुड़े केंद्र और राज्य सरकारों के सभी संबंधित प्राधिकारियों को स्थिति के बारे में जानकारी दी गयी है, ताकि वे सावधानी पूर्वक सभी जरूरी उपाय कर सकें.

उन्होंने बताया कि 17 अक्टूबर को चीन की ओर से तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी के भूस्खलन से बाधित होने की जानकारी दी गयी. उन्होंने कहा कि इस जानकारी के आधार पर केंद्र और राज्य सरकारों के सभी संबंधित प्राधिकारियों को इस स्थिति को लेकर जानकारी दी गयी है, ताकि वे इस संबंध में सावधानीपूर्वक सभी जरूरी उपाय कर सकें. हम और जानकारी के लिए चीनी पक्ष के साथ नियमित संपर्क में हैं.

कुमार तिब्बत में भूस्खलन को लेकर मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे. यरलुंग जेंगबो नदी कैलाश पर्वत के दक्षिण पूर्व और तिब्बत के मानसरोवर से निकलती है. यह ब्रह्मपुत्र की ऊपरी धारा है, जो (ब्रह्मपुत्र) अरुणाचल प्रदेश और असम से गुजरती है. सूत्रों के अनुसार, भूस्खलन बेहद दूरस्थ क्षेत्र में हुआ है, जहां पहुंचना बहुत कठिन है. उन्होंने कहा कि चीन की ओर से भारत को हर तरह के सहयोग के साथ सभी जरूरी जानकारियां साझा की जा रही है.

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