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अमृतसर रेल हादसा: ड्राइवर ने की पूरी कोशिश, स्पीड कर दी कम लेकिन नहीं रुकी ट्रेन

चंडीगढ़ : अमृतसर में दशहरा के मौके पर रावण दहन के कार्यक्रम के दौरान हुए रेल हादसे ने पूरे देश के लोगों की आंखों को नम कर दिया है. इस हादसे में 61 लोगों की जान चली गयी है. कुछ लोगों का कहना है कि रेलवे ड्राइवर चाहता तो हादसा टल सकता था. इस हादसे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 20, 2018 11:20 AM

चंडीगढ़ : अमृतसर में दशहरा के मौके पर रावण दहन के कार्यक्रम के दौरान हुए रेल हादसे ने पूरे देश के लोगों की आंखों को नम कर दिया है. इस हादसे में 61 लोगों की जान चली गयी है. कुछ लोगों का कहना है कि रेलवे ड्राइवर चाहता तो हादसा टल सकता था. इस हादसे को लेकर रेलवे ने विस्तार से बात की और ड्राइवर की भूमिका के बारे में जानकारी दी.

अमृतसर रेल हादसा: इस रावण की मौत ने पूरे देश को रुला दिया

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि ट्रैक पर लोगों को देख ट्रेन के ड्राइवर ने अनहोनी टालने का पूरा प्रयास किया. ड्राइवर ने ट्रेन की स्पीड 90 किमी/प्रतिघंटा से घटाकर 65 किमी/ घंटा कर दी थी फिर भी यह हादसा हो गया. उन्होंने बताया कि ट्रेन इतनी तेज स्पीड से आ रही थी कि इसको पूरी तरह से रुकने के लिए कम से कम 625 मीटर की दूरी चाहिए होती है. यही कारण है कि, ट्रेन रुक नहीं सकी और 61 लोगों की मौत हो गयी.

ऐसी भी आशंका व्यक्त की जा रही है कि यदि इमरजेंसी ब्रेक लगा दी जाती जो ट्रेन पलट जाती और हताहतों की संख्या और भी अधिक हो सकती थी. अमृतसर रेल हादसे पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने एक बयान में कहा कि रेलवे पटरियों के निकट हो रहे दशहरा कार्यक्रम के बारे में विभाग को सूचित नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि यह हादसा दो स्टेशनों- अमृतसर एंव मनावाला के बीच हुई न कि रेलवे फाटक पर.

लोहानी ने रेलवे कर्मचारियों द्वारा भीड़ जमा होने की जानकारी नहीं देने की व्याख्या करते हुए कहा कि बीच के रास्ते पर ट्रेनें अपनी निर्धारित गति से चलती हैं और लोगों से उम्मीद की जाती है कि वह पटरियों पर मौजूद नहीं होंगे. बीच के खंड पर रेल कर्मचारी तैनात नहीं होते हैं. रेलवे फाटक पर कर्मी होते हैं जिनका काम यातायात नियंत्रित करना है.

उन्होंने कहा कि गेटमैन रेलवे फाटक से 400 मीटर की दूरी पर था. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर ड्राइवर ने आपात ब्रेक लगाए होते तो इससे भी बड़ा हादसा हो सकता था. लोहानी ने बताया कि ट्रेन अपनी निर्धारित गति से चलती है और शुरुआती रिपोर्ट से मालूम होता है कि चालक ने ब्रेक लगाये थे और ट्रेन धीमी हो गयी थी.

उन्होंने कहा कि हमारे पास न तो इसकी कोई सूचना थी और न ही हमसे अनुमति ली गयी थी. यह कार्यक्रम रेलवे की जमीन के बगल वाले स्थान, एक निजी स्थान पर आयोजित किया गया था. रेलवे को दोषी ठहराने से इनकार करते हुए लोहानी ने कहा कि राष्ट्रीय परिवाहक लोगों से अतिक्रमण नहीं करने की नसीहत देते हुए लंबे अरसे से अभियान चला रहा है. उन्होंने कहा कि हम इस अभियान को और आगे ले जाएंगे.

गौरतलब है कि अमृतसर में जोडा फाटक के निकट शुक्रवार शाम को रावण दहन देखने के लिए रेल की पटरियों पर खड़े लोग एक ट्रेन की चपेट में आ गए जिसमें कम से कम 61 लोगों की मौत हो गई और 72 अन्य घायल हो गये. इधर, ट्रेन के ड्राइवर को हिरासत में लेकर हादसे के बारे में पूछताछ की जाने की खबर है. ड्राइवर का कहना है कि सिग्नल ग्रीन था और इस वजह से उसे यह अंदाजा नहीं था कि पटरी पर इतने लोग खड़े हैं.

15 सेकेंड में 61 मौत

अमृतसर हादसे पर उत्तर रेलवे के CPRO ने कहा है कि ट्रेन के ड्राइवर की गलती नहीं लग रही है. थोड़ी देर पहले ही घटनास्थल से अमृतसर हावड़ा एक्सप्रेस भी गुजरी थी.उन्होंने बताया कि ट्रेन हादसे की वजह से अमृतसर-मानावाला सेक्शन पर अभी ट्रेन सेवाएं ठप हैं. दोपहर में बैठक के बाद सेवाएं बहाल करने पर निर्णय लिया जाएगा.

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