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अमृतसर रेल हादसा: 61 मौत का जिम्मेदार कौन ? सभी झाड़ रहे हैं पल्ला

अमृतसर : अमृतसर रेल हादसे का जिम्मेदार आखिर है कौन ? मामले में सभी अपना-अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं. अमृतसर नगर निगम ने शनिवार को कहा कि यहां ‘धोबी घाट’ मैदान में दशहरा समारोह आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गयी थी. वहीं, रेलवे का कहना है कि रेलवे को अमृतसर में दुर्घटना […]

अमृतसर : अमृतसर रेल हादसे का जिम्मेदार आखिर है कौन ? मामले में सभी अपना-अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं. अमृतसर नगर निगम ने शनिवार को कहा कि यहां ‘धोबी घाट’ मैदान में दशहरा समारोह आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गयी थी. वहीं, रेलवे का कहना है कि रेलवे को अमृतसर में दुर्घटना स्थल के पास दशहरा कार्यक्रम करने की सूचना नहीं दी गयी थी. इसके लिए हमने कोई अनुमति भी नहीं दी थी.

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इसी बीच एक पत्र सामने आया जो दशहरा कमिटी का है. यह पत्र में कमिटी ने पुलिस को लिखा था और सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है. धोबी घाट में जिस जगह घटना हुई वहां दशहरे के लिए कमिटी ने पुलिस ने सुरक्षा इंतजाम करने की गुजारिश करते हुए पत्र लिखा था, जवाब में असिसटेंट इंसपेक्टर दिलजीत सिंह ने एनओसी जारी की थी.

क्या कहा रेलवे ने

दशहरे के मौके पर अमृतसर के पास हुए हादसे को लेकर रेलवे का कहना है कि पुतला दहन देखने के लिए लोगों का वहां पटरियों पर एकत्र होना ‘‘स्पष्ट रूप से अतिक्रमण का मामला’ था और इस कार्यक्रम के लिये रेलवे द्वारा कोई मंजूरी नहीं दी गयी थी. अमृतसर प्रशासन पर इस हादसे की जिम्मेदारी डालते हुए आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों को दशहरा कार्यक्रम की जानकारी थी. रेलवे अधिकारियों ने कहा कि हमें इस बारे में जानकारी नहीं दी गयी थी और हमारी तरफ से कार्यक्रम के लिये कोई मंजूरी नहीं दी गयी थी. यह अतिक्रमण का स्पष्ट मामला है और स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदारी लेनी चाहिए.

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क्या कहा निगम ने

अमृतसर नगर निगम की आयुक्त सोनाली गिरी ने बताया कि दशहरा समारोह आयोजित करने की अनुमति किसी को नहीं दी गयी थी. इसके अलावा किसी ने भी अमृतसर नगर निगम में अनुमति के लिए आवेदन भी नहीं किया था. उन्होंने कहा कि समारोह यहां ‘धोबी धाट’ मैदान में आयोजित किया गया था. आयुक्त ने कहा कि पिछले साल से अलग शुक्रवार शाम में व्यापक पैमाने पर समारोह का आयोजन किया गया था. उन्होंने बताया कि शुक्रवार शाम में जितने बड़े समारोह का आयोजन किया गया पिछले साल इतने व्यापक स्तर पर कार्यक्रम नहीं किया गया था. उन्होंने बताया कि वहां एक छोटा मंदिर भी है.

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सिद्धू की पत्नी पर भी निशाना
पूर्व विधायक और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू समरोह की मुख्य अतिथि थीं. समारोह का आयोजन कथित तौर पर कांग्रेस पार्षद विजय मदान के पति सौरभ मदान ने किया था. समारोह स्थल पर नवजोत सिंह सिद्धू, उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू, सौरभ मदान और उनकी पत्नी पत्नी विजय मदान का पोस्टर लगा हुआ है. अकाली दल, भाजपा और आप सहित विपक्षी दलों ने समारोह आयोजित करने की अनुमति देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने रेलवे पटरी के नजदीक दशहरा समारोह आयोजित करने की अनुमति देने के लिए कांग्रेस की अगुवाई वाली पंजाब सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया.

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क्या कहा सिद्धू ने

कांग्रेस के विधायक नवजोत सिंह सिद्धू शनिवार सुबह गुरु नानक देव अस्पताल पहुंचे. उन्होंने यहां अस्पताल में घायलों से मुलाकात की और उनके जल्दी ठीक होने की कामना की. मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि यह एक दर्दनाक हादसा था लेकिन कुदरत के प्रकोप के आगे सब बेबस हैं. सिद्धू ने कहा कि मामले को लेकर राजनीति नहीं करनी चाहिए. हमे इस दुख की घड़ी में पीडित परिवार के साथ खड़े रहना चाहिए.

मजिस्ट्रेट जांच के आदेश

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को अमृतसर ट्रेन हादसे की जांच मजिस्ट्रेट से कराने का आदेश दिया और कहा कि चार हफ्ते में रिपोर्ट जमा की जाएगी. सिंह अस्पताल पहुंचे और इस दुखद हादसे में घायल हुए लोगों एवं मृतकों के परिजनों से मुलाकात की. मीडिया से बात करते हुए वे सिद्धू का बचाव करते नजर आए.

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61 की मौत
यहां चर्चा कर दें कि अमृतसर में जोड़ा फाटक के निकट शुक्रवार शाम को रावण दहन देखने के लिए रेल की पटरियों पर खड़े लोग एक ट्रेन की चपेट में आ गये जिसमें कम से कम 61 लोगों की मौत हो गयी और 72 अन्य घायल हो गये. अमृतसर के निकट जोड़ा फाटक पर जब यह हादसा हुआ उस समय पटरियों से सटे मैदान पर ‘रावण दहन’ देखने के लिए कम से कम 300 लोग वहां जुटे हुए थे.

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