अमृतसर रेल हादसा: वॉट्सऐप पर देखा बेटे का कटा सिर और…

चंडीगढ़ : पंजाब के अमृतसर में दशहरे के दिन ट्रेन के तांडव ने कई घरों को गम में डुबो दिया है. हंसी-खुशी के बीच रावण दहन देखने पहुंचे 60 से ज्यादा लोगों के परिजनों के आंसू अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहे, शायद ही उनकी आंखें अब कभी सूखे. इधर, शनिवार को अमृतसर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2018 8:53 AM

चंडीगढ़ : पंजाब के अमृतसर में दशहरे के दिन ट्रेन के तांडव ने कई घरों को गम में डुबो दिया है. हंसी-खुशी के बीच रावण दहन देखने पहुंचे 60 से ज्यादा लोगों के परिजनों के आंसू अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहे, शायद ही उनकी आंखें अब कभी सूखे. इधर, शनिवार को अमृतसर के शिव पुरी में एक साथ कई चिताएं जलीं जिसे देख पूरा शहर रो पड़ा.

पीड़ित परिजनों ने जो आपबीती सुनायी उससे दिल की धड़कनें थम गयी. एक वाकया ऐसा भी सामने आया जो यदि एक पिता सुनेगा तो उसकी आंखों से आंसू जिंदगी भर बंद नहीं होंगे, लेकिन इस पिता की हिम्मत की दाद देनी होगी जो अभी भी खुद को संभाले हुए हैं. दरअसल , इस हादसे में एक किशोर की जान चली गयी थी जिसके पिता उसे ढूंढ रहे थे और अचानक उन्हें एक वॉट्सऐप मेसेज मिला जिसमें उसने बेटे का कटा सिर देखा और हताश हो गया.

विजय कुमार लाशों के ढेर में अपने बेटे के शरीर के टुकड़ों को तलाशते रहे लेकिन नाकामी ने उनके दर्द को और बढ़ाने का काम किया. वे उस मंजर को याद कर सिहर उठते हैं जब उनकी नजर शनिवार तड़के तीन बजे वॉट्सऐप पर गयी. उन्होंने इस मैसेज में देखा कि उनके बेटे की सिर कटी फोटो हैं जो 18 साल का था.

विजय के दो बेटों में से एक आशीष भी घटनास्थल पर ही था लेकिन उसकी जान बच गयी और दूसरा बेटा मनीष उतना खुशकिस्मत नहीं निकला. शोक में डूबे विजय रोते हुए आपबीती बताते हैं और कहते हैं कि मनीष नीली जींस पहने हुए था…मेरी तो दुनिया ही उजड़ गयी….

बिजली की तेजी से आयी ट्रेन और मच गयी भगदड़
इस घटना के समय वहां मौजूद रहीं सपना को सिर में चोट आयी है. उन्होंने बताया कि वह रावण दहन का घटनाक्रम व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिये अपने पति को दिखा रही थीं. जब पुतले में आग लगी, तो लोग पीछे हटने लगे और पटरियों के करीब आ गये. तभी ट्रेन बिजली की तेजी से आयी और वहां मौजूद लोगों में भगदड़ मच गयी. सपना ने इस हादसे में अपनी रिश्ते की बहन और एक साल की भतीजी को खो दिया.

मरने से पहले ‘रावण’ ने आठ लोगों की बचायी जान
जोड़ा फाटक की रामलीला में असुरों के राजा रावण का पात्र निभाने वाले दलबीर सिंह भी मारे गये हैं. रावण का किरदार निभाने के बाद युवक दलबीर सिंह रेल की पटरियों पर खड़े होकर पुतले को जलते हुए देख रहे थे, तभी 60 और लोगों के साथ ट्रेन की चपेट में आने से उनकी मौत हो गयी. इससे पहले, दलबीर ने अपनी जान की परवाह किये बिना आठ लोगों को रेल की पटरियों से हटाकर उनकी जान बचायी थी. उनकी आठ माह की एक बेटी है. दलबीर की मां और पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है. मां ने परिवार चलाने के लिए आर्थिक मदद और उसकी विधवा के लिए नौकरी की मांग की है.

गुस्सायी भीड़ ने गेटमैन को पीटा केबिन के नीचे फेंका, हालत नाजुक

दर्दनाक हादसे से लोग गुस्से में हैं. शनिवार की दोपहर गुस्साए लोगों ने शिवाला फाटक के गेटमैन निर्मल सिंह की पिटाई की और उन्हें रेलवे के केबिन (एस-26-ई3) से नीचे फेंक दिया. उनके सिर में गंभीर चोटें आयी हैं. लोगों ने शनिवार को शवों को साथ लेकर प्रदर्शन किया और बस स्टैंड मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया.

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