इस साल पड़ेगी कम ठंड, जानें क्या है कारण

नयी दिल्ली : भारत में पिछले सालों की तुलना में इस साल सर्दी का थोड़ा कम असर देखने को मिल सकता है. मौसम विभाग ने अगले कुछ महीनों में प्रशांत महासागर में अल नीनो की मौजूदगी के मद्देनजर यह आशंका जतायी है. विभाग ने प्रशांत महासागर में अल नीनो का प्रभाव दक्षिण में भूमध्य तटीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2018 11:29 AM

नयी दिल्ली : भारत में पिछले सालों की तुलना में इस साल सर्दी का थोड़ा कम असर देखने को मिल सकता है. मौसम विभाग ने अगले कुछ महीनों में प्रशांत महासागर में अल नीनो की मौजूदगी के मद्देनजर यह आशंका जतायी है. विभाग ने प्रशांत महासागर में अल नीनो का प्रभाव दक्षिण में भूमध्य तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ने की आशंका के मद्देनजर इसका असर भारत में अगले दो से तीन महीनों के दौरान दिखने का अनुमान व्यक्त किया है.

मौसम विज्ञानिकों के मुताबिक, अल नीनो के प्रभाव से समुद्री सतह का तापमान बढ़ने लगता है. इसका प्रभाव तटीय इलाकों में गर्मी में इजाफे के रूप में दिखता है. विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अरब सागर और प्रशांत महासागर में अल नीनो की मौजूदगी का प्रभाव भारत में सर्दी के दौरान तुलनात्मक रूप से तापमान में कम गिरावट के रुप में दिख सकता है.

उन्होंने बताया कि समुद्री जल के तापमान में इजाफे के लिये जिम्मेदार अल नीनो का असर धीरे धीरे अरब सागर की ओर बढ़ रहा है. मौसम विभाग द्वारा जारी एक बयान में भी अल नीनो के भारत में इस साल सर्दी के मौसम पर पड़ने वाले प्रभाव को स्वीकार करते हुए कहा गया है कि फिलहाल यह हिंद महासागर से भूमध्य रेखीय क्षेत्रों की ओर अग्रसर है.

अधिकारी ने बताया कि भारत के उत्तरी राज्यों में सर्दी के दौरान जनवरी माह में पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश का संक्षिप्त दौर देखने को मिलता है. यह बारिश तापमान में गिरावट की मूल वजह बनती है, लेकिन इस साल अल नीनो के संभावित प्रभाव को देखते हुए पश्चिमी विक्षोभ पर भी असर पड़ सकता है. इसकी वजह से सामान्य तौर पर होने वाली बारिश में कमी, तापमान में गिरावट को रोकने वाली साबित हो सकती है जिसका असर कम सर्दी के रूप में देखने को मिल सकता है.

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