अमृतसर ट्रेन हादसा: बेटा गया था लाश ढकने के लिए कपड़ा लाने, लौटा तो शव था गायब

अमृतसर : अमृतसर में ट्रेन दुर्घटना स्थल के निकट रविवार को सुबह युवाओं ने प्रदर्शन किया और लापता लोगों की तलाश करने की मांग की. उन्होंने जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए यह दावा किया कि कुछ लोग अब भी लापता हैं. प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि लापता लोगों का पता लगाया जाए और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2018 12:40 PM

अमृतसर : अमृतसर में ट्रेन दुर्घटना स्थल के निकट रविवार को सुबह युवाओं ने प्रदर्शन किया और लापता लोगों की तलाश करने की मांग की. उन्होंने जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए यह दावा किया कि कुछ लोग अब भी लापता हैं. प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि लापता लोगों का पता लगाया जाए और पीड़ितों के परिवार को पर्याप्त मुआवजा भी दिया जाए.

जोड़ा फाटक के समीप एक इलाके के रहने वाले कमल ने कहा कि मेरे इलाके में रहने वाले दो मजदूर अब भी लापता हैं. यहां चर्चा कर दें कि जोड़ा फाटकर पर शुक्रवार शाम को रावण दहन देख रहे लोग ट्रेन की चपेट में आ गये थे जिसमें कम से कम 61 लोगों की मौत हो गयी.

कमल ने आशंका जतायी कि सरकार ने मृतकों की जो संख्या बतायी है वह उससे अधिक हो सकती है. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को घटनास्थल तथा अस्पतालों का निरीक्षण करने के बाद कहा था कि 59 लोगों की मौत हुई है और 57 घायल हैं. हालांकि सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट राजेश शर्मा ने बताया कि हादसे में 61 लोगों ने जान गंवायी.

रविवार को प्रदर्शन में एक अन्य स्थानीय निवासी राजू ने कहा कि एक व्यक्ति घटना में मारे गये अपने पिता के शव की अब भी तलाश कर रहा है. राजू ने कहा कि वह अपने पिता के शव को ढंकने के लिए कपड़ा लेने गया था लेकिन जब लौटा तो उसे शव नहीं मिला.

एक अन्य स्थानीय निवासी राम कुमार ने दावा किया कि सब्जी बेचने वाले काजल के परिवार के चार सदस्य गायब हैं. घटना में अपने भाई विकास और निंदरपाल को खो चुकी अंजू ने आरोप लगाया कि नेता इस घटना पर राजनीति कर रहे हैं. उसने कहा कि जब हर कोई जानता है कि यहां पिछले कई वर्षों से दशहरे का कार्यक्रम होता आ रहा है तो ऐसे हादसे को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाने चाहिए थे.

एक अन्य गमगीन व्यक्ति को अपने भाई सोनू की बस चप्पलें मिल पायी. वह चप्पलों को पुलिस थाने लेकर अपने भाई को ढूंढने की गुहार लगाने गया. प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ नारे लगाये और ट्रेन की गति धीमी ना करने को लेकर रेलवे पर गुस्सा निकाला. इस बीच, जोड़ा फाटक इलाके के समीप दुकानें अब भी बंद हैं.

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