भाजपा का कांग्रेस पर पलटवार – इतिहास को ‘री-राइट” नहीं, बल्कि ‘राइट” कर रही सरकार

नयी दिल्ली : सरकार पर इतिहास को फिर से लिखने का प्रयास करने के कांग्रेस के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस द्वारा सुनियोजित तरीके से भुला दिये गये महापुरूषों के बलिदान को सम्मान देकर मोदी सरकार इतिहास को ‘री-राइट’ (पुनर्लेखन) नहीं, बल्कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2018 6:31 PM

नयी दिल्ली : सरकार पर इतिहास को फिर से लिखने का प्रयास करने के कांग्रेस के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस द्वारा सुनियोजित तरीके से भुला दिये गये महापुरूषों के बलिदान को सम्मान देकर मोदी सरकार इतिहास को ‘री-राइट’ (पुनर्लेखन) नहीं, बल्कि ‘राइट’ (सही) करने का प्रयास कर रही है.

नकवी ने यहां कहा कि वास्तव में जिन महापुरुषों को कांग्रेस ने इतिहास के पन्नों से गायब करने का प्रयास किया, उन महापुरुषों को यह सरकार सम्मान देने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नजर में एक परिवार के लोग ही महापुरुष हैं और उन्हीं लोगों ने सब कुछ किया है. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि हजारों महापुरुषों एवं स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी एवं भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी और कुर्बानी दी. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नकवी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने सुनियोजित सियासी सोच के तहत इतिहास के पन्नों से इन महापुरुषों को गायब करने की साजिश की. आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजग सरकार उन महापुरुषों को सम्मान दे रही है और देश के लिए उनकी कुर्बानी एवं योगदान को लोगों तक पहुंचा रही है तब कांग्रेस को परेशानी हो रही है.

उन्होंने कहा, हम इतिहास को ‘री-राइट’ नहीं कर रहे हैं, बल्कि उसे ‘राइट’ कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन महापुरुषों को भुलाने की, कांग्रेस की कोशिश का पर्दाफाश हो रहा है. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की धरोहर हथियाने के लिए ‘षडयंत्रपूर्ण प्रयास’ करने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा था कि भाजपा इतिहास फिर से लिखने के लिए व्याकुल है. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि ‘व्याकुल भाजपा इतिहास फिर से लिखने की कोशिश कर रही है और सरदार पटेल एवं जवाहरलाल नेहरू के बीच तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस एवं नेहरू के बीच एक काल्पनिक प्रतिद्वंद्विता पैदा कर रही है. इसने शुभ अवसरों का इस्तेमाल ओछे राजनीतिक हथकंडों के लिए किया है.

इससे पहले आजाद हिंद सरकार की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर रविवार को आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यह दुखद है कि एक परिवार को बड़ा बताने के लिए, देश के अनेक सपूतों के चाहे वह सरदार पटेल हों, बाबा साहेब आंबेडकर हों, नेताजी हों योगदान को भी भुलाने का प्रयास किया गया.

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