राहुल का आरोप – जेटली की बेटी चौकसी की पे-रोल पर थीं, वित्त मंत्री से मांगा इस्तीफा
नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली का यह आरोप लगाते हुए इस्तीफा मांगा कि उनकी बेटी मेहुल चौकसी के ‘पे-रोल पर थीं.’ चौकसी कई करोड़ रुपये के पीएनबी धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी है. राहुल ने ट्विटर पर आरोप लगाया कि जेटली फाइलों को दबाये रखे और […]
नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली का यह आरोप लगाते हुए इस्तीफा मांगा कि उनकी बेटी मेहुल चौकसी के ‘पे-रोल पर थीं.’ चौकसी कई करोड़ रुपये के पीएनबी धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी है. राहुल ने ट्विटर पर आरोप लगाया कि जेटली फाइलों को दबाये रखे और उसे (चाैैकसी) भागने दिया.
कांग्रेस प्रमुख ने दावा किया कि मीडिया ने इस खबर को नहीं दिखाया, लेकिन देश के लोग इससे अवगत हैं. उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक का खाता संख्या बताया जिससे जेटली की बेटी को कथित तौर पर धन स्थानांतरण हुआ था. उन्होंने अरुण जेटली इस्तीफा दो के हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए लिखा, अरुण जेटली की बेटी चोर मेहुल चोकसी के पे-रोल पर थीं. बहरहाल उनके वित्त मंत्री पिता फाइल दबाये रखे और उसे भागने दिया. उन्होंने लिखा, उन्हें धन मिला… .
कांग्रेस प्रमुख ने ट्वीट किया, यह दुखद है कि मीडिया ने इस खबर को नहीं दिखाया. देश के लोग इससे अवगत हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि जेटली की बेटी और दामाद दोनों को चौकसी से कथित तौर पर 24 लाख रुपये रिटेनरशिप के रूप में मिला. उनकी बेटी और दामाद दोनों वकील हैं. बहरहाल, जेटली के दामाद ने पहले बयान जारी कर कहा था कि उनके विधि फर्म को जब पता चला कि चौकसी की कंपनी घोटाले में संलिप्त है तो उन्होंने रिटेनरशिप की राशि लौटा दी थी.
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर देश छोड़कर भागनेवाले जालसाजों से मिलीभगत करने का आरोप लगाया. कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने पार्टी सहयोगी राजीव साटव और सुष्मिता देव के साथ संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जनवरी तक 44 महीनों के कार्यकाल में मोदी सरकार अभूतपूर्व 19,000 बैंक धोखाधड़ी मामलों की गवाह बनी जिसमें 90 हजार करोड़ रुपये की रकम का हेरफेर हुआ. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार की नाक के नीचे से 23 घोटालेबाज देश को 53 हजार करोड़ का चूना लगाकर फरार हो गये. पायलट ने कहा कि डूबती अर्थव्यवस्था, बैंकिंग धोखाधड़ी और फरार हो रहे घोटालेबाज भाजपा-जेटली के ‘नये भारत’ का हिस्सा हैं.
पार्टी ने मांग की कि जेटली को नैतिक आधार पर अपना इस्तीफा देना चाहिए. तीनों नेताओं ने एक बयान में कहा, विजय माल्या, ललित मोदी, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और अन्य का एक के बाद एक फरार होना दर्शाता है कि मोदी सरकार जनता के पैसे की संरक्षक नहीं, बल्कि एक ट्रेवल एजेंसी है जो धोखाधड़ी करनेवालों, धन हथियानेवालों और विदेश जानेवाले ऐसे लोगों को सुविधा देती है जो जानबूझ कर बैंक जालसाजी को अंजाम देते हैं. पायलट ने आरोप लगाया, वित्त एवं कारपोरेट मामलों के मंत्री रहते अरुण जेटली, उनकी पुत्री सोनाली जेटली और दामाद जयेश बख्शी ने मेहुल चौकसी की फर्जीवाड़ेवाली कंपनी गीतांजली जेम्स लिमिटेड से दिसंबर 2017 में 24 लाख रुपये की रिटेनरशिप स्वीकार की.
जेटली के दामाद ने हालांकि पहले एक बयान जारी कर कहा था कि जैसे ही उनकी लॉ फर्म को कंपनी के घोटाले में संलिप्त होने का पता चला उन्होंने उसी वक्त रिटेनरशिप की रकम लौटा दी थी. कांग्रेस नेताओं ने एक बयान में पूछा, क्या यह वित्त मंत्री के लिए मिलीभगत, साठगांठ और हितों के टकराव का स्पष्ट मामला नहीं है? वित्त मंत्री जेटली, उनकी बेटी या दामाद को सीबीआई/ईडी/एसएफआईओ की तरफ से समन या पूछताछ के लिये क्यों नहीं बुलाया गया? उन्होंने पूछा, क्या यह अरुण जेटली को बर्खास्त किये जाने और एक पूरी तरह से स्वतंत्र जांच कराने के लिए सही मामला नहीं है?
पायलट और अन्य नेताओं ने यह भी जानना चाहा कि मेहुल चौकसी, नीरव मोदी, गीतांजली जेम्स लिमिटेड और अन्य के खिलाफ प्राथमिकियों और कई शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई. उन्होंने पूछा, उन्हें कौन बचा रहा है? तीनों नेताओं के बयान में कहा गया, मेहुल चौकसी की गीतांजली जेम्स लिमिटेड द्वारा क्यों वित्त मंत्री अरुण जेटली की बेटी और दामाद को 24 लाख रुपये दिये गये. बिना कोई काम किये, जैसा कि उन्होंने माना है. चैंबर्स ऑफ जेटली एंड असोसिएट्स के ऐसे और कौन से मुवक्किल हैं जो लाखों रुपये की रिटेनरशिप का भुगतान कर रहे हैं और उनका नाम और उनके द्वारा दी गई रकम क्यों सार्वजनिक नहीं की जानी चाहिए?