सीबीआई के उच्च अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप, जानिये क्या है पूरा मामला
नयी दिल्ली : केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ( सीबीआई ) के दो उच्च अधिकारी आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश आस्थाना के बीच चली जंग अब कोर्ट तक पहुंची है. सरकार ने इन दोनों को छुट्टी पर भेज दिया. इस फैसले पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. एम. नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक बनाया गया […]
नयी दिल्ली : केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ( सीबीआई ) के दो उच्च अधिकारी आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश आस्थाना के बीच चली जंग अब कोर्ट तक पहुंची है. सरकार ने इन दोनों को छुट्टी पर भेज दिया. इस फैसले पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. एम. नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक बनाया गया है. आइये समझते हैं इस समझते हैं पूरा मामला क्या है.
सीबीआई ने स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ FIR दर्ज कराई है. आरोप लगे भ्रष्टाचार के FIR में अस्थाना पर मीट कारोबारी मोइन क़ुरैशी के मामले में जांच के घेरे में चल रहे एक कारोबारी सतीश सना से दो करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगा. ध्यान रहे कि राकेश अस्थाना इस जांच के लिए बनाई गई एसआईटी के प्रमुख थे. कारोबारी सतीश सना ने आरोप लगाये सीबीआई जांच से बचने के लिए उन्होंने दिसंबर 2017 से अगले दस महीने तक क़रीब दो करोड़ रुपए रिश्वत ली.
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पेशल निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को बरकरार रखा. निचली अदालत ने घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किये गए एजेंसी के डीएसपी देवेंद्र सिंह को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया हाईकोर्ट में सुनवाई में सीबीआई ने कहा कि राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार के खिलाफ जबरन वसूली और जालसाजी के आरोप जुटे हैं.
कुमार को कथित तौर पर घूस लेने, रिकॉर्ड में हेरफेर के मामले में गिरफ्तार किया गया है. अस्थाना का आरोप है कि वह विवादास्पद मांस कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े एक मामले में सीबीआई निदेशक द्वारा कथित तौर पर उनके नेतृत्व में हो रही जांच में हस्तक्षेप किया गया. मैंने लगातार इस विषय पर भ्रष्टाचार निरोधक निगरानीकर्ता, केंद्रीय सतर्कता आयोग को लिखता रहा. इस पूरे मामले में न्यायमूर्ति नाजिम वजीरी ने अस्थाना और घूस मामले में गिरफ्तार उपाधीक्षक देवेंद्र कुमार द्वारा दायर अलग-अलग याचिकाओं पर निदेशक आलोक कुमार वर्मा और संयुक्त निदेशक ए के शर्मा से भी जवाब मांगा.