नयी दिल्ली/लंदन : देश में रक्षा सौदों को लेकर छिड़े राजनीतिक रार और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका की ओर से इजरायल को अलग-थलग करने की रणनीति के बाद भारत ने रूस के बाद इजरायल के साथ रक्षा प्रणाली की आपूर्ति के लिए समझौता किया है. इसके लिए इजरायल की प्रमुख सरकारी रक्षा कंपनी ने बुधवार को भारतीय नौसेना के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है. इस समझौते के तहत इजरायल भारत को सतह से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की बराक-8 मिसाइल और मिसाइल रक्षा प्रणाली की आपूर्ति करेगा. इसके लिए दोनों देशों के बीच करीब 77.7 करोड़ डॉलर के रक्षा सौदों पर समझौता हस्ताक्षर किये गये हैं.
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इजरायल कारोबारी दैनिक ग्लोब्स की खबर के मुताबिक, इजरायल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) ने कहा कि नयी दिल्ली की भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) इस प्रोजेक्ट के लिए मुख्य विनिर्माता कपंनी होगी. अखबार की खबर में यह भी कहा गया है कि आईएआई भारतीय नौसेना के सात पोतों के लिए सतह से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की मिसाइल (एलआर-एसएएम) और हवाई मिसाइल रक्षा प्रणाली (एएमडी), एएमडी प्रणाली बराक-8 के समुद्री संस्करण की आपूर्ति करेगी.
आईएआई इजरायल की सबसे बड़ी एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी है. यह मिसाइल भेदी, हवाई प्रणालियों और खुफिया और साइबर सुरक्षा प्रणालियों सहित रक्षा प्रणालियों का विकास, विनिर्माण और आपूर्ति करती है. इजरायली रक्षा प्रतिष्ठान के साथ भारत के करीबी संबंध हैं और इसने इजरायली रक्षा कंपनियों के साथ कई महत्वपूर्ण सौदे किये हैं.
आईएआई के मुख्य कार्याधिकारी निम्रोद शेफर ने कहा कि भारत के साथ आईएआई की भागीदारी वर्षों पुरानी है और इसका परिणाम संयुक्त विकास और उत्पादन के रूप में निकला है. आईएआई के लिए भारत एक बड़ा बाजार है. उन्होंने कहा कि बढ़ती प्रतिस्पर्द्धा के बीच हमारी योजना भारत में अपनी मौजूदगी को मजबूत रखने की है.