नयी दिल्ली : एक स्थानीय अदालत ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर कथित हमले के मामले में बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी. वे जारी किये गये समन का पालन करते हुए अदालत के समक्ष पेश हुए और जमानत याचिकाएं दायर कीं. इसके बाद अदालत ने उन्हें राहत प्रदान की.
दिल्ली पुलिस ने उनकी जमानत याचिकाओं का विरोध नहीं किया. बीते 19 फरवरी को केजरीवाल के सरकारी आवास पर एक बैठक के दौरान प्रकाश पर कथित तौर पर हमला किया गया था. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने सभी 11 आरोपियों को 50,000 रुपये के निजी बांड और इतनी ही राशि के मुचलके पर जमानत दे दी. अदालत ने यह निर्देश भी दिया है कि वे किसी गवाह से संपर्क नहीं करेंगे और न ही उन्हें डरायेंगे या न ही सबूतों के साथ कोई छेड़छाड़ करेंगे. साथ ही वे किसी तरीके से सुनवाई को प्रभावित नहीं करेंगे. अदालत ने कहा कि इन सभी आरोपियों को जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया गया और उन्होंने जांच में सहयोग किया तथा पेश हुए.
अदालत ने यह भी कहा कि सभी आरोपी प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और समाज में उनकी गहरी जड़ें हैं तथा वे दिल्ली विधानसभा के निर्वाचित सदस्य हैं. दो अन्य विधायकों अमानतुल्ला खान और प्रकाश जारवाल को दिल्ली उच्च न्यायालय पहले ही जमानत दे चुका है. इस मामले में अदालत अब अगली सुनवाई सात दिसंबर को करेगी.