…तो दिल्ली में बंद हो जायेंगे इतने कारखाने, जानें वजह

नयी दिल्ली: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) नीत एक कार्यबल ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण की चिंताजनक स्थिति से निबटने के लिए एक नवंबर से 10 नवंबर के बीच कम से कम निजी वाहनों को चलने की अनुमति देने, कोयले एवं जैव ईंधन आधारित उद्योगों को बंद करने जैसी कठोर अनुशंसाएं की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 27, 2018 3:07 PM

नयी दिल्ली: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) नीत एक कार्यबल ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण की चिंताजनक स्थिति से निबटने के लिए एक नवंबर से 10 नवंबर के बीच कम से कम निजी वाहनों को चलने की अनुमति देने, कोयले एवं जैव ईंधन आधारित उद्योगों को बंद करने जैसी कठोर अनुशंसाएं की हैं.

कार्यबल ने लोगों को सलाह दी है कि जहरीली हवा से कम से कम संपर्क में आने के लिए वह अधिक श्रम वाले बाहरी कामों से परहेज करें और नवंबर महीने के शुरुआती10 दिनों में निजी कारों के प्रयोग में कटौती करने को भी कहा गया है.

शहर में शुक्रवार को इस मौसम में प्रदूषण सूचकांक पर हवा की गुणवत्ता सर्वाधिक खराब दर्ज कीगयी, जो धीरे-धीरे ‘गंभीर’ श्रेणी की तरफ बढ़ रही है. साथ ही विशेषज्ञों ने चेताया है कि दिल्ली-एनसीआर में अगले महीने वायु गुणवत्ता और खराब हो सकती है, क्योंकि हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम हो सकती है.

शुक्रवार को पर्यावरण मंत्रालय के प्रतिनिधियों, भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी), उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के साथ कार्यबल ने दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर बैठक की थी और सदस्यों को सूचित किया कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर और खराब होते हुए नजर आ रहा है.

मौसम विभाग के प्रतिनिधि सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि दिल्ली में वायु की गुणवत्ता गिर कर बहुत खराब स्तर पर आगयी है और अगले कुछ दिनों तक इसके ऐसे ही बने रहने की आशंका है.

बैठक में सिंह ने बताया कि नवंबर महीने की शुरुआत में हालात के और अधिक खराब होने की संभावना है. इसकी वजह आने वाले त्योहारों में प्रयोग होने वाले पटाखों और आसपास के इलाकों में पराली जलाने से निकलने वाला धुआं है.

पूर्व के अनुभवों को देखते हुए कार्यबल ने एक से 10 नवंबर के बीच कुछ और कदम उठाने की सिफारिशें की हैं. इनमें खुदाई संबंधी सार्वजनिक निर्माण कार्य, पत्थर तोड़ने के कार्य और हॉट मिक्स प्लांटों को बंद रखना शामिल है.

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